New Update
परवरिश करनी पड़े। जब आपको आपके बच्चे की परवरिश अकेले करनी हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना होता है कि कहीं आप बच्चे को ज्यादा प्यार देकर बिगाड़ तो नहीं रहे। मम्मी पापा के दोनों के होने से एक कड़क होता है तो एक नरम हो जाता है। पर जब आप अकेले हों तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है। आज हम बात करेंगे सिंगल मदर के लिए पेरेंटिंग टिप्स के बारे में -
बच्चे की हर ज़िद मानना जरुरी नहीं होता है। इस के लिए आपको शुरुवात से ही थोड़ी शख्ती दिखानी होगी। इस से बच्चे के अंदर ना सुनने की आदत बनेगी और वो ज़िद्दी और बदतमीज़ नहीं होगा। ये आदत बच्चे की हर उम्र में अच्छे रूप में काम आएगी।
छोटी उम्र में जो बच्चा होता है उसको गलत सही की इतनी पहचान नहीं होती है और ना ही बच्चे का दिमाग इतना विकसित होता है कि वो इतना समझ पाए। इसलिए आप हमेशा उसके लिए खड़ीं रहें और उसको मजबूती से बड़ा करें हर चीज़ में फर्क समझाकर।
किसी भी बच्चे को आप एक अकेले सब कुछ नहीं सीखा सकते हैं। ना कोई एक अकेला इंसान बच्चे को इतना समय दे सकता है इसलिए आप कोशिश करें की आप अपने घर के बड़े सदस्य और बुजुर्ग से मदद लें। अगर आपका बच्चा कभी आपकी कोई बात नहीं मान रहा है तो आप घर के बड़े सदस्य जैसे की नाना नानी और दादा दादी की मदद लें उनकी बात बच्चे अक्सर जल्दी मान जाते हैं।
जो बच्चा हमारे सामने सीखता और करता है वो तो हमें अच्छे से पता होता है पर कई बार हम अपने बच्चे की संगती पर ध्यान देना भूल जाते हैं जिसके कारण वो गलत बातें सीख जाते हैं। इसलिए बच्चे के स्कूल के दोस्त ट्यूशन के दोस्त और जिन के साथ आपका बच्चा खेलता है उनका ध्यान रखें।
1. हर जिद ना मानें
बच्चे की हर ज़िद मानना जरुरी नहीं होता है। इस के लिए आपको शुरुवात से ही थोड़ी शख्ती दिखानी होगी। इस से बच्चे के अंदर ना सुनने की आदत बनेगी और वो ज़िद्दी और बदतमीज़ नहीं होगा। ये आदत बच्चे की हर उम्र में अच्छे रूप में काम आएगी।
2. गलत सही बताएं
छोटी उम्र में जो बच्चा होता है उसको गलत सही की इतनी पहचान नहीं होती है और ना ही बच्चे का दिमाग इतना विकसित होता है कि वो इतना समझ पाए। इसलिए आप हमेशा उसके लिए खड़ीं रहें और उसको मजबूती से बड़ा करें हर चीज़ में फर्क समझाकर।
3. घर के बुजुर्ग - मदर के लिए पेरेंटिंग टिप्स
किसी भी बच्चे को आप एक अकेले सब कुछ नहीं सीखा सकते हैं। ना कोई एक अकेला इंसान बच्चे को इतना समय दे सकता है इसलिए आप कोशिश करें की आप अपने घर के बड़े सदस्य और बुजुर्ग से मदद लें। अगर आपका बच्चा कभी आपकी कोई बात नहीं मान रहा है तो आप घर के बड़े सदस्य जैसे की नाना नानी और दादा दादी की मदद लें उनकी बात बच्चे अक्सर जल्दी मान जाते हैं।
4. संगती पर ध्यान दें
जो बच्चा हमारे सामने सीखता और करता है वो तो हमें अच्छे से पता होता है पर कई बार हम अपने बच्चे की संगती पर ध्यान देना भूल जाते हैं जिसके कारण वो गलत बातें सीख जाते हैं। इसलिए बच्चे के स्कूल के दोस्त ट्यूशन के दोस्त और जिन के साथ आपका बच्चा खेलता है उनका ध्यान रखें।