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पीरियड्स का दर्द, दाग लगने का झंझट और दुनिया भर के नियम ये सब किसी भी आम लड़की के लिए हर महीने की जंग होती है| हिंदुस्तान में तो लड़कियों को अगर पीरियड्स हो जाए तो उन्हें न तो उन्हें किचन में एंट्री मिलती है ना मंदिरों में। भई वाह!! किसी न किसी तरह से लड़कियों को उनकी फिजिकल स्ट्रक्चर के कारण पनिशमेंट दे दी ही जाती हैं। ये सब पीरियड्स से जुड़े मिथ हैं। आज हम अपने आर्टिकल के ज़रिए आपको बताएंगें कि एक माँ अपनी बेटी को पीरियड मिथ्स का सच कैसे बताए और सही सलाह दे।
इस तरह अपनी बेटी को पीरियड से जुड़े इन 5 मिथ्स का सच बताएं (periods myth ka sach)
- अचार को न छूना
अक्सर घरों में मां या सास अपनी बेटी या बहू से यह कहते हुए पाई जाती हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के खाना बनाने या छूने से खाना खराब हो जाता है| ख़ासतौर पर अचार वगैरह, अचार को न छूएं , ऐसा करने से अचार खराब हो सकता है| जबकि इसके पीछे किसी तरह का साइंटिफिक लॉजिक नही है|
2. मंदिर न जाना
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर के अंदर जाने या पूजा करने से मनाही होती है|माना जाता है कि इस दौरान वह अशुद्ध होती है, जो मंदिर में जाने लायक नही है|पूजा पाठ के टाइम पर कहीं मंत्र तो कहीं आरती की जाती है। ऐसे में पीरियड्स पेन के कारण इतने देर तक खड़े रहकर पूजाृ-पाठ नही हो पाता इसलिए महिलाओं को मंदिर में नहीं आने दिया जाता था। इसके साथ-साथ कई प्रकार की अगरबत्ती ,धुप ,कपूर का प्रयोग होता है जिसमें कई तरह के केमिकल्स होते हैं। इससे महिलाओं को कोई हेल्थ प्रोब्लेम्स न हो इसलिए उन्हें मंदिरों में नही आने दिया जाता था। यह साइंटिफिक कारण है जो आप अपनी बेटी को बता सकती हैं।
3. ठंडा खाने से पेट दर्द
पीरियड के पहले बहुत ज़्यादा ठंडा खाने से पेटदर्द बढ़ जाता है। ठंडा खाना पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द की वजह माना जाता है। जबकि यह प्रीमेन्सट्रूअल सिंड्रोम यानी PMS की वजह से होता है जिसमें महिलाओं में फूड क्रेविंग होना नॉर्मल
4. पीरियड में निकलता है गंदा खून:
माना जाता है कि पीरियड में बहने वाला खून शरीर की गंदगी है या शरीर का गंदा खून है, जो पीरियड्स के जरिए बाहर निकलता है। जबकि नसों में बहने वाले खून और पीरियड्स में आने वाला खून अलग-अलग है। पीरियड में निकलने वाला खून नार्मल होता है|इसमें एस्ट्रोजन हॉर्मोन के कारण बच्चेदानी (uterus )में खून और प्रोटीन की बनी परत के टुकड़े होने के साथ साथ वेजाइना के सेल्स, टिश्यू होते हैं|
- पीरियड जितने ज्यादा दिन चला उतना अच्छा
माना जाता है कि पीरियड जितने ज्यादा दिन चलता है उतना अच्छा होता है|अगर यह पूरे एक हफ्ते यानी 7 दिनों तक चला तो माना जाता है कि पूरे शरीर की सफाई हो गई| जबकि ऐसा नहीं है| एस्ट्रोजन एक हॉर्मोन होता है, जो शरीर के बाल, आवाज़, सेक्स करने की इच्छा वगैरह को कंट्रोल करता है और शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन की मात्रा पर यह निर्भर करता है कि फ्लो कितना होता है।
तो इस तरह आपने जाना पीरियड मिथ्स का सच । इसे अपनी बेटी और दूसरी महिला साथियों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें।