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क्यों रेप कल्चर महिलाओं को शर्मसार करता है?

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Swati Bundela
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हम आये दिन रेप की खबरे टीवी , अखबारों या अपने आस -पास सुनते रहते है। आप सभी लोगों ने ये रेप की खबरें इतनी ज्यादा सुन ली है कि अब आपको ये खबरें "आम" यानी नॉर्मल लगने लगी है। लेकिन क्या बलात्कार कोई छोटी मोटी बात है? हम रेप जैसे बड़े क्राइम को नॉर्मल कैसे समझ सकते है? भारत में रेप ,छेड़छाड़ , घरेलु हिंसा के केस की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को नॉर्मल मान लेना ,रेप कल्चर को बढ़ावा देना है। (Rape Culture in Hindi)
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रेप कल्चर क्या है?



'रेप कल्चर' एक सोशलॉजिकल कॉन्सेप्ट है। रेप कल्चर एक माहौल है जिसमें gender और sexuality की तरफ मौजूदा सामाजिक रवैये की वजह से रेप ज्यादा होते हैं। महिलाओं के खिलाफ हो रही इस यौन हिंसा को नॉर्मल मान लिया जाता है ,मानो ये हमारे कल्चर का हिस्सा हो।
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हर रोज 87 महिलाओं का होता है बलात्कार


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रेप कल्चर को 'नॉर्मल' क्यों समझा जाता है?



हमारी सोसाइटी रेप को नॉर्मलाइज़ कर के एक 'कल्चर' बना दिया है। रेप कल्चर को बढ़ावा देने वाले कुछ बिहेवियर जैसे विक्टिम ब्लेमिंग, स्लट-शेमिंग, सेक्सुअल ऑब्जेक्टिफिकेशन, Sexual assault को कमतर आंकना, Sexual violence को आम समझना और ऐसा समाज बनाना जहां महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की अनदेखी होती हो। ज्यादातर महिलाएं रेप कल्चर की वजह से रेप की शिकायत दर्ज ही नहीं कराती है।

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राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2019 में प्रतिदिन बलात्कार (Rape Cases in India) के औसतन 87 मामले दर्ज हुए और साल भर के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,05,861 मामले दर्ज हुए जो 2018 की तुलना में सात प्रतिशत अधिक हैं।

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क्यों रेप कल्चर महिलाओं को शर्मसार करता है?



अगर किसी महिला के साथ बलात्कार हुआ है तो इसमें उस महिला की क्या गलती है? शर्म बलात्कार करने वाले अपराधी को आनी चाहिए न की महिला को। हमारा समाज पीड़ित लड़की को ऐसी निगाह से देखने लगता है ,मानो उसने ही कोई जुर्म किया हो। रेप करने वाला व्यक्ति समाज में खुले आम घूमने लगता है और लोग उसे कुछ नहीं कहते ,वही रेप का शिकार हुई महिला के बारे में पूरा समाज तरह -तरह की बाते बना के उसे शर्मसार करते है। समाज का ये गलत व्यवहार ही रेप कल्चर को और आगे बढ़ा रहा है।
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ऐसा नहीं है कि सिर्फ लड़कियों का ही बलात्कार होता है ,लड़के भी इसका शिकार होते है ,फ़र्क सिर्फ़ कम ज़्यादा का है। चाहे लड़का हो या लड़की रेप करने वाले अपराधी से नफ़रत करो न कि जिसका रेप हुआ उससे। इस समाज को अपनी सोच को बदलने की सख्त ज़रूरत है। (Rape Culture in Hindi)
सोसाइटी Rape Culture in Hindi
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