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क्या है इसके लक्षण? (restless genital disorder )
रेस्टलेस जेनिटल डिसऑर्डर महिलाओं के रोजमर्रा के काम करने की इच्छा और क्षमता को बहुत अधिक प्रभावित करता है। इसकी वजह से होने वाली असुविधा से महिला खुद को लोगों से अलग-थलग रखने की भी कोशिश करती हैं।
1. इसका सबसे पहला लक्षण है महिला को हर वक्त और लंबे समय तक क्लीटोरिस, वजाइना और जेनिटल टिशूज में सेंसेशन महसूस होते हैं।
2. जेनिटल्स में खुजली होना
3. गीलापन महसूस होना
4. दबाव महसूस होना
5. जलन के लक्षण
6. सुई की तरह चुभने के सेंसेशन
इस तरह इस समस्या से जूझ रही महिलाओं को अक्सर और लगातार ऑर्गेज्म होता रहता है। सबसे अजीब बात ये है कि ये ऑर्गेज्म बिना सेक्सुअल इच्छाओं के होता है।
क्या है वजह?
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है रेस्टलेस जेनिटल डिसऑर्डर (restless genital disorder )पूरी तरह से एक साइकोलॉजिकल समस्या है क्योंकि इसके अधिकतर लक्षणों में डिप्रेशन और एंग्जायटी हैं, ये ऐसी ही महिलाओं को होता है जो बहुत सरल और सेंसिटिव स्वभाव की होती हैं। कुछ रिसर्च में ये भी देखा गया है कि सिस्ट का बनना और नर्वस सिस्टम के एक खास हिस्से में उसका मौजूद होना इलेक्ट्रिक सिग्नल दिमाग को भेजता है, जिस वजह से ब्लैडर और जेनिटल अराउज फील करते हैं। अभी तक इस डिसऑर्डर के होने का सही और वैज्ञानिक कारण पूरी तरह से नहीं पता चल पाया है।
क्या है इसका उपाय?
रेस्टलेस जेनिटल डिसऑर्डर की असली वजह आज भी नही पता चल पाई है, लेकिन कुछ गाइनेकोलॉजिस्ट इससे आराम के लिए दर्द कम करने वाली दवाएं और सिम्प्टम
मैनेजमेंट की सलाह देते हैं। अगर आपको या आपके पहचान में किसी महिला को इस तरह की असुविधा महसूस हो रही हो तो किसी अच्छे गायनेकोलॉजिस्ट से मिले, उन्हें खुलकर अपनी समस्याएं बताएं और इस असुविधा से आराम पाने के तरीके खोजें।