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उनके नाम काफी जीतें दर्ज हैं। समाज की बाधाओं को तोड़कर दुनिया की सबसे सफल टेनिस प्लेयर्स में से एक, वह हैं सानिया मिर्ज़ा। फिक्की फ्लो ऐन्युअल सैशन के साथ एक बातचीत के दौरान सानिया बतातीं हैं की खेलकूद में अपने आप को साबित करने के लिए उन्हें समाज के किन-किन बाधाओं से जूझना पड़ा था, और क्यों खेलकूद में करियर बनाना लड़कियों के लिए नेचुरल होना चाहिए।
उनका यह भी कहना है कि लड़कियों व महिलाओं के एंपावरमेंट के लिए अभी हमें एक काफी लंबा सफर तय करना बाकी है। आइए देखते हैं इस बारे में उनका और क्या कहना है:
1. लोग कहते थे कि मैं मार्टिना हिंगिस जैसी बन पाऊंगी क्या? धूप में प्रैक्टिस करते-करते मैं काली हो जाऊंगी, मैं कभी विंबलडन जा पाऊंगी या नहीं, मैं टॉमबॉय बन जाऊंगी-मेरे माता-पिता को यह सब सुनना पड़ता था। लेकिन, आज यह वक्त है कि हम भारत में से पीवी सिंधु, सानिया नेहवाल, साक्षी मलिक-ऐसे कम से कम 10 स्पोर्ट्स के सुपरस्टार गिन सकते हैं।
2. आज भी क्रिकेट को ज्यादा अहमियत मिलती है और अगर लड़कियाँ बोलें कि वह स्पोर्ट्स में करियर बनाना चाहती हैं तो उनकी बात को अनसुना कर दिया जाता है। आज हैदराबाद एक बड़ा शहर है लेकिन 25 साल पहले यह सबसे बड़ा नहीं था। हम लोग गोबर से बने कोर्ट में खेलते थे। मेरे माता पिता को काफी कल्चरल रिवाजों से लड़ना पड़ा था ताकि मैं खेल सकूं और मुझे गर्व होता है कि मैं युवा लड़कियों को और उनके माता-पिता को इंस्पायर कर सकती हूँ।
3. खेलकूद के क्षेत्र में एक समान पैसे मिलने के बारे में सानिया मिर्ज़ा ने कहा कि "हम आज भी एक पुरुषों की दुनिया में रहते हैं। हम लड़कियों को पहले बताना पड़ता है कि हमें टेनिस में पुरुषों के जितना ही प्राइज़ मनी क्यों मिलना चाहिए और यह पूरी दुनिया में होता है।"
4. मेरे हिसाब से किसी भी लड़की के लिए स्पोर्ट्स में करियर बनाना बिल्कुल नैचुरल होना चाहिए, बाकी करियर्स की तरह", कहती हैं सानिया मिर्ज़ा।
उनका यह भी कहना है कि लड़कियों व महिलाओं के एंपावरमेंट के लिए अभी हमें एक काफी लंबा सफर तय करना बाकी है। आइए देखते हैं इस बारे में उनका और क्या कहना है:
1. लोग कहते थे कि मैं मार्टिना हिंगिस जैसी बन पाऊंगी क्या? धूप में प्रैक्टिस करते-करते मैं काली हो जाऊंगी, मैं कभी विंबलडन जा पाऊंगी या नहीं, मैं टॉमबॉय बन जाऊंगी-मेरे माता-पिता को यह सब सुनना पड़ता था। लेकिन, आज यह वक्त है कि हम भारत में से पीवी सिंधु, सानिया नेहवाल, साक्षी मलिक-ऐसे कम से कम 10 स्पोर्ट्स के सुपरस्टार गिन सकते हैं।
"मेरे हिसाब से किसी भी लड़की के लिए स्पोर्ट्स में करियर बनाना बिल्कुल नैचुरल होना चाहिए, बाकी करियर्स की तरह" - सानिया मिर्ज़ा
2. आज भी क्रिकेट को ज्यादा अहमियत मिलती है और अगर लड़कियाँ बोलें कि वह स्पोर्ट्स में करियर बनाना चाहती हैं तो उनकी बात को अनसुना कर दिया जाता है। आज हैदराबाद एक बड़ा शहर है लेकिन 25 साल पहले यह सबसे बड़ा नहीं था। हम लोग गोबर से बने कोर्ट में खेलते थे। मेरे माता पिता को काफी कल्चरल रिवाजों से लड़ना पड़ा था ताकि मैं खेल सकूं और मुझे गर्व होता है कि मैं युवा लड़कियों को और उनके माता-पिता को इंस्पायर कर सकती हूँ।
3. खेलकूद के क्षेत्र में एक समान पैसे मिलने के बारे में सानिया मिर्ज़ा ने कहा कि "हम आज भी एक पुरुषों की दुनिया में रहते हैं। हम लड़कियों को पहले बताना पड़ता है कि हमें टेनिस में पुरुषों के जितना ही प्राइज़ मनी क्यों मिलना चाहिए और यह पूरी दुनिया में होता है।"
आज हैदराबाद एक बड़ा शहर है लेकिन 25 साल पहले यह सबसे बड़ा नहीं था। हम लोग गोबर से बने कोर्ट में खेलते थे। मेरे माता पिता को काफी कल्चरल रिवाजों से लड़ना पड़ा था ताकि मैं खेल सकूं और मुझे गर्व होता है कि मैं युवा लड़कियों को और उनके माता-पिता को इंस्पायर कर सकती हूँ।
4. मेरे हिसाब से किसी भी लड़की के लिए स्पोर्ट्स में करियर बनाना बिल्कुल नैचुरल होना चाहिए, बाकी करियर्स की तरह", कहती हैं सानिया मिर्ज़ा।