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औषधि के रूप में किया जाता रहा है। भारत में COVID-19 की दूसरी लहर आने के बाद गिलोय का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी इलाके में पहले से काफ़ी अधिक होने लगा है। आईये, आज आपको गिलोय के पाँच फायदों के बारे में बताते हैं।
गिलोय एक इम्युनिटी बुस्टर औषधि है।यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। गिलोय वायरस से होने वाली बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करता है।इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण हमें सर्दी-जुकाम से भी बचाते है।
औषधीय गुणों वाले गिलोय में ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। गिलोय का यह गुण शरीर में रक्त की कमी को दूर करने में लाभकारी होता है। अत: एनीमिया के रोगियों को गिलोय का सेवन नियमित करता चाहिए।
गिलोय में भारी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाएं जाते हैं जो सांसों से संबंधित समस्याओं में आराम दिलाता है। गिलोय कफ बनने से रोकता है एवं साथ ही फेंफड़े को साफ रखने में भी सहायक होता है। इसलिए अस्थमा के रोगियों को गिलोय के सूखे डंठल का नियमित सेवन करना चाहिए।
कोरोना से पहले गिलोय का उपयोग डेंगू के मरीज किया करते थे।डेंगू के दौरान रोगी का शरीर तपने लगता है।गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक तत्व बुखार के मरीज के लिए काफी लाभदायक होते हैं। डेंगू के मरीज पहले गिलोय के हरे तने को काटकर, उसको अच्छे से धुलकर और किसी बर्तन में तबतक उबाला जाता है जबतक पानी का रंग हरा नहीं हो जाए। इसके बाद कप में पानी को छानकर फिर इसका सेवन किया जाता है।
पीलिया (Jaundice) के रोगियों के लिए गिलोय काफी फायदेमंद औषधि माना जाता है. पीलिया से ग्रसित लोगों को गिलोय के पत्तों का रस पिलाने से उन्हें आराम मिलता है। गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है।
1 ) इम्युनिटी मज़बूत करता है-
गिलोय एक इम्युनिटी बुस्टर औषधि है।यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। गिलोय वायरस से होने वाली बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करता है।इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण हमें सर्दी-जुकाम से भी बचाते है।
2 ) रक्त की कमी को दूर करता है-
औषधीय गुणों वाले गिलोय में ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। गिलोय का यह गुण शरीर में रक्त की कमी को दूर करने में लाभकारी होता है। अत: एनीमिया के रोगियों को गिलोय का सेवन नियमित करता चाहिए।
3 ) लंग्स को साफ़ रखता है -
गिलोय में भारी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाएं जाते हैं जो सांसों से संबंधित समस्याओं में आराम दिलाता है। गिलोय कफ बनने से रोकता है एवं साथ ही फेंफड़े को साफ रखने में भी सहायक होता है। इसलिए अस्थमा के रोगियों को गिलोय के सूखे डंठल का नियमित सेवन करना चाहिए।
4 ) डेंगू से रक्षा करता है-
कोरोना से पहले गिलोय का उपयोग डेंगू के मरीज किया करते थे।डेंगू के दौरान रोगी का शरीर तपने लगता है।गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक तत्व बुखार के मरीज के लिए काफी लाभदायक होते हैं। डेंगू के मरीज पहले गिलोय के हरे तने को काटकर, उसको अच्छे से धुलकर और किसी बर्तन में तबतक उबाला जाता है जबतक पानी का रंग हरा नहीं हो जाए। इसके बाद कप में पानी को छानकर फिर इसका सेवन किया जाता है।
5 ) पीलिया दूर करने में सहायक-
पीलिया (Jaundice) के रोगियों के लिए गिलोय काफी फायदेमंद औषधि माना जाता है. पीलिया से ग्रसित लोगों को गिलोय के पत्तों का रस पिलाने से उन्हें आराम मिलता है। गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है।
note:यह सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।