हमेशा से ही कहना होता है कि बच्चों की यादाश्त बड़ों से बेहतर होती है। ऐसा मन जाता है कि कम उम्र में स्टूडेंट्स की याद करने की पावर भी काफी अच्छी होती है, जिससे वह पढ़ाई में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे का फ्यूचर ब्राइट करना चाहती हैं और अपने बच्चे को बेस्ट स्टूडेंट बनाना चाहती हैं तो आपको इन टिप्स को फॉलो करना चाहिए। आज हम बात करेनेगे कुछ ऐसे आसान और दमदार टिप्स के बारें में जिनका इस्तेमाल करके आप अपने बच्चे का मेमोरी बूस्ट नेचुरल तरीके से कर सकती हैं।
Tips For Child Memory: आसान तरीकों से बच्चों की मेमोरी होगी बूस्ट
दरअसल, बच्चों के चीजें भूलने के पीछे उनका खानपान व स्लीप पैटर्न जिम्मेदार होता है। ऐसे में अगर उसे ठीक कर लिया जाए तो बच्चे की समस्या खुद ब खुद दूर हो जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको अपने बच्चे की याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए-
प्रॉपर नींद है जरुरी
यदि बच्चे को पर्याप्त नींद मिले तो उसकी स्मरण शक्ति बढ़ सकती है। अच्छी नींद से बच्चों में सोचने, समझने और याद रखने की शक्ति का विकास होता है। इसलिए, कोशिश करें कि बच्चे हर दिन एक निश्चित समय पर बेड पर जाएं और उस दौरान टीवी, मोबाइल व टैब जैसे उपकरण उनसे दूर रखें।
संतुलित आहार है जरुरी
बच्चों को एक संतुलित आहार दिया जाना बेहद आवश्यक है।अच्छी और हेल्दी डाइट से न सिर्फ उसका फिजिकल हेल्थ बनेगा बल्कि उसकी मेन्टल एबिलिटी भी इनक्रीस होगी। बच्चों की याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए उनके खान-पान में कुछ बदलाव करना आवश्यक होता है। कुछ शोध बताते हैं कि विटामिन डी, विटामिन बी1, बी12, बी6, आयरन, आयोडीन आदि का प्रभाव बच्चों की स्मरण शक्ति पर पड़ता है।
माइंड गेम्स में है मज़ा
यह एक मजेदार तरीका है बच्चों की मेमोरी को बूस्ट करने का। आप उनके साथ सुडोकू से लेकर पहेलियां पूछने तक जैसे कई गेम्स खेल सकती हैं। तरह-तरह के पजल्स सॉल्व करना बच्चों को काफी अच्छा लगता है। साथ ही साथ, उनकी स्मरण शक्ति भी बेहतर होती है। बता दें कि पहेलियों पर शोध भी हो चुका है, जिससे यह साबित होता है कि पजल खेलने से बच्चे की स्मरण शक्ति पर असर पड़ता है।
रीडिंग हैबिट करें डेवेलोप
कुछ बच्चे जब भी कुछ पढ़ते हैं तो वह धीरे-धीरे पढ़ते हैं। लेकिन ऐसा करने से उन्हें जल्दी याद नहीं होता है। वहीं याद की गई चीजों को वह जल्द भूल भी जाते हैं। ऐसे में अपने बच्चों से कहें कि वे जो कुछ भी पढ़ रहे हैं, उसे जोर से पढ़ें। इससे उन्हें अपनी आवाज सुनने और याद रखने में आसानी होगी।