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हालांकि उनकी दस सबसे आइकोनिक रोल्स को चुनना बेहद कठिन है, लेकिन एक बार फिर भी देखते हैं :
1 . इंग्लिश विंग्लिश
2012 में आई उनकी सबसे रीसेंट फिल्म इंग्लिश विंग्लिश थी, जिसने हमें यह सिखाया कि - भाषा के आधार पर किसी का भी मजाक न बनाया जाए और विशेष रूप से हमारी माताओं का तो बिल्कुल भी नहीं। गौरी शिंदे द्वारा डिरेक्टेड, श्रीदेवी ने फिल्म में शशि गोडबोले की मुख्य भूमिका निभाई थी, जहां वह सेल्फ रेस्पेक्ट के इश्यूज से जूझती हैं क्योंकि वह अंग्रेजी में नहीं बोलती हैं, लेकिन उनके पति और बच्चे बोलते हैं। यह फिल्म बताती है की हम अंग्रेजी भाषा को कितना महत्व देते है और कभी-कभी हम जिन लोगों से प्यार करते हैं उन्हें जज करने लगते हैं ।
2 . जुदाई
1997 में रिलीज़ हुई यह मल्टी-स्टारर फिल्म, जब श्रीदेवी पहले से ही एक बड़ी स्टार थीं। अनिल कपूर और उर्मिला मातोंडकर ने फिल्म में उनका साथ दिया। इसका एक बहुत ही अलग कॉन्सेप्ट था, जहां काजल (श्रीदेवी), जो राज (अनिल कपूर) से शादी करती है, फिर अपने पति को एक अमीर लड़की जाह्नवी (उर्मिला मातोंडकर) से शादी करने के लिए मजबूर करती है, जो राज के प्यार में पड़ जाती है और काजल को अपनी सारी संपत्ति देने का वादा करती है। श्रीदेवी ने इस भूमिका को शानदार ढंग से लिखा और सिल्वर स्क्रीन पर भावनाओं की एक श्रृंखला दिखाई।
3 . लाडला
फिल्म रिलीज होने के समय ही, लाडला बॉक्स ऑफिस पर हिट हो गई क्योंकि इसमें श्रीदेवी की मौजूदगी थी । फिल्म कई जगह जेंडर स्टेरोटीपिकल रोल्स को एक करारा जवाब देती है। यह शीतल की भूमिका में एक मजबूत महिला करैक्टर को दर्शाती है जो श्रीदेवी निभाती है ।
4 . खुदा गवाह
1992 का बॉक्स-ऑफिस सुपरहिट, खुदा गवाह दो सुपरस्टार - श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन के बीच एक एपिक रोमांस है। लीड कास्ट में नागार्जुन और शिल्पा शिरोडकर भी थे। यह फिल्म साल की दूसरी सबसे बड़ी कमाई वाली फिल्म बन गई और लीड जोड़ी ने क्रिटिक की प्रशंसा हासिल की। पाकिस्तान के टीवी इंडस्ट्री ने इसी नाम से एक सीरीज के रूप में फिल्म को एडाप्ट किया।
5 . लम्हे
यश चोपड़ा द्वारा डिरेक्टेड भारतीय सिनेमा की सबसे आइकोनिक फिल्मों में से एक है , लम्हे, एक क्लासिक जिसकी सफलता न केवल भारत में बल्कि 1991 में यूके में भी मिली । फिल्म में श्रीदेवी को दो पात्रों में दिखाया गया है जहां वह अपनी बेटी का भी करैक्टर निभाती है। अपने टाइम और एरा के लिए एक लिबरल फिल्म, यह लॉजिक को बताता है की प्यार किसी व्यक्ति की उम्र नहीं देखता है। इसकी यूनीकनेस को समझने के लिए फिल्म को देखना जरूरी होगा।
6 . चालबाज़
यह श्रीदेवी के करियर की एक और आइकोनिक फिल्म है और 1989 की एक और टॉप फिल्म है। इस फिल्म में दक्षिण भारतीय सुपरस्टार रजनीकांत थे। जुड़वा अवतार में, श्रीदेवी ने पहली बहन के रूप में संकट में फांसी बेहेन का रूप निभाया था और दूसरी बहन के रूप में राउडी चबलबाज़। शब्द उनकी एक्टिंग को व्यक्त करने के लिए कम पड़ते हैं ।
7 . चांदनी
एक और यश चोपड़ा - श्रीदेवी का साथ, चांदनी भी उनके सबसे ऐडमायर्ड कार्यों में से एक है। श्रीदेवी इसमें कई तरह की एमोशन्स को डिस्प्ले करती हैं जैसे वह प्यार करती हैं, हारती हैं, एक नई ज़िंदगी जीती हैं और फिर से प्यार हो जाता है।