तलाक उन तमाम विषयों में से एक है, जिनको भारतीय समाज में बेहद विवादास्पद (controversial) रूप में देखा जाता है। तलाक को एक विवाद के रूप में लेना, और खासकर तलाकशुदा महिलाओं की आगे की ज़िंदगी में गहरा प्रश्नचिन्ह लगाना, कहाँ तक सही है ? समाज तलाकशुदा महिलाओं को बड़े कठिन इम्तिहान देने को मजबूर कर देता है। जिसके कारण महिलाओं की आने वाली ज़िंदगी में मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। एक खतरनाक रिश्ते में खुद को हमेशा के लिए बांधे रखने से अच्छा है, उस रिश्ते को छोड़कर तलाक लेना। हमारे समाज को यह बात समझने की बेहद जरूरत है। जानिए कि तलाक लेने में कोई बुराई क्यों नहीं है -
1. सिंगल पैरेंट होना एक बीमार रिश्ते में रहने से ज्यादा अच्छा है
इस से रोज रोज के मानसिक तनाव से भी बचेंगे और आगे के बारे मे खुले दिमाग से सोच भी पायेंगे । इस से सही डायरेक्शन में कम वक़्त में ज्यादा ऊपर पहुंचने में मदद होगी।
2. डाइवोर्स के बाद पता लगेगा की इसके बाहर भी एक खूबसूरत दुनिया है जिसमे ख़ुशी से रहा जा सकता है
जब परिवार में तनाव होता है तो हम एक जगह ही सुकड़ते जाते है और बाहरी दुनिया से कम कनेक्ट करते है जिससे मेन्टल प्रेशर और ज्यादा बढ़ता है।
3. तलाक लेने से बुरा है एक नेगेटिव माहौल वाले घर में रहना
दो लोगो में न बनना कोई बुरी बात नहीं पर उसको एक्सेप्ट न करना जरूर बुरी बात है। जितनी जल्दी आप अपने पार्टनर को समझकर सेपरेट होजाओगे उतनी ही जल्दी आप आगे बड़पाओगे। इससे आप चीज़ों और परिस्तिथियों से भागना छोड़ देंगे और लड़ना सीख लेंगे ।
4. खुद की दुनिया समझेंगे
इससे आप को सबसे बड़ी बात पता लगेगी की दुनिया में कई लोग होते पर उन लोगों में खुद की दुनिया समझना गलत है। इसलिए अपने आपके लिए अपनी लाइफ में हमेशा स्पेस रखना चाहिए।