Advertisment

Teens and Distraction: टीनएज की उम्र में स्टूडेंट्स के डिस्ट्रैक्ट होने के कारण

author-image
Swati Bundela
New Update



Advertisment

Teens and Distraction: टीनएज एक ऐसी उम्र है, जिसमें बच्‍चे खुद अपनी इच्‍छाओं, जरूरतों और व्‍यवहार को ठीक तरह से समझ नहीं पाते हैं। यह उम्र जिंदगी का एक नया पड़ाव होता है, जो कई मुश्‍किलों और चैलेंजेस से भरा होता है। किसी को पढ़ाई की टेंशन होती है, तो किसी को दिल टूट जाने का दर्द होता है। इस उम्र में बच्‍चों पर कई तरह का स्‍ट्रेस भी रहता है, जो कभी-कभी डिप्रेशन का रूप भी ले सकता है। यदि डिप्रेशन का इलाज न किया तो दुनिया में मृत्‍यु का यह तीसरा सबसे बड़ा कारण है।

अगर आप पेरेंट हैं, तो इस बात को बखूबी समझते होंगे, कि बच्‍चों की परवरिश बैलेंस में करना कितना मुश्किल होता है। हर पेरेंट को पता नहीं होता कि बच्‍चों को कब और कहां छूट देनी है, और कब उस पर पाबंदी लगानी है। इन छोटी-छोटी बातों से अनजान होने का बुरा असर बच्‍चों पर पड़ सकता है, और वो किसी गलत रास्‍ते पर जा सकते हैं।

Teens and Distraction: टीनएज की उम्र में स्टूडेंट्स के डिस्ट्रैक्ट होने के कारण-

Advertisment


1. फिजिकल और मेंटली बदलाव



Advertisment

टीनएज में अधिकांश बच्चे अपने में होने वाले फिजिकल और मेंटली बदलावों को समझ नहीं पाते हैं। जिन्हें समझने के लिए वो अक्सर गूगल और दोस्तों का सहारा लेते हैं। जिससे कई बार गलत इंफॉर्मेंशन मिलने की वजह से वो भटक जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का अपने टीनएज के बच्चों से उनमें आने वाले फिजिकल और मेंटली  बदलावों के बारे में बात करना बेहद फायदेमंद रहेगा। क्योंकि इससे बच्चे खुद को बदलावों के निए मेंटली रूप से तैयार कर पायेगें।



2. करियर की चिंता

Advertisment


टीनएज (13 से 19 साल) में अधिकांश बच्चे अपने करियर के बारे में सोचने लगते हैं। कुछ बच्चे पढ़ाई में अच्छे होते हैं, तो कुछ अपनी हॉबी (म्यूजिक,खेल, डांसिग) आदि को अपना प्रोफेशन बनाना पसंद करते हैं, लेकिन अभी भी हमारे समाज में पेरेंट्स हॉबी को करियर के रूप में स्वीकार नहीं कर पाते हैं। जिससे बच्चे और पेरेंट्स के रिश्ते में दरार आने लगती है। ऐसे में अगर आप बच्चे की हॉबी को समझे और उसमें दिलचस्पी लें और अगर वो अपनी हॉबी में बेस्ट है, तो उसे निखारने और आगे बढ़ने में मदद करें।



Advertisment

3. स्‍मोकिंग



ऐक्‍शन एड के सरवे के अनुसार अर्बन एरिया में टीनेजर्स में स्‍मोकिंग का चलन तेजी से बढ़ा है। सरवे के अनुसार भारत में धूम्रपान करने वाले टीनेजर्स 7 से 10 सिगरेट एक दिन में पी जाते हैं। स्‍मोकिंग करने वाले पांच में से एक टीनेजर 13 से 15 सिगरेट एक दिन में पी जाता है।

Advertisment


4. सेक्‍स



Advertisment

छोटे शहरों में 12 से 21 साल की उम्र के बच्‍चों में 21 प्रतिशत टीनेजर्स 13 से 16 साल की उम्र में सेक्‍स कर चुके होते हैं। वहीं मेट्रो शहरों में यह संख्‍या 13 फीसदी है। छोटे शहरों की टीनेजर लड़कियों में भी 13 से 19 साल की 42 फीसदी लड़कियां एक सप्‍ताह में दो से तीन बार सेक्‍स कर चुकी होती हैं। 15 से 19 साल की आयु में 40 फीसदी टीनेजर्स ने कहा, कि एक साल में कम से कम एक बार उन्‍होंने सेक्‍स किया। वहीं 35 फीसदी लड़कियों और 30 फीसदी लड़कों ने कहा, कि उनका सिर्फ एक पार्टनर है।



5. चीज के लिए परमिशन



जब बच्‍चे किसी चीज के लिए परमिशन मांगते हैं, तो उन्‍हें हां करने से पहले कुछ नियम बना दें और उसे बताएं, कि अगर वो इनका उल्‍लंघन करता है, तो उसे क्‍या परिणाम भुगतने होंगे। इससे बच्‍चे जिम्‍मेदार होंगे। जब भी वो बाहर जाए, तो उसके वापिस आने का समय तय कर दें और बता दें, कि उसे दोस्‍तों के साथ कितना समय मिला है। पढ़ाई और बाकी की चीजों के लिए भी नियम साफ कर दें।



सोसाइटी पेरेंटिंग
Advertisment