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1. खुद को खुश रखना है सबसे जरूरी
अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते – करते, खुद को तनावग्रस्त न करें। अपनी प्राथमिकताओ में खुद की खुशियों को भी शामिल जरूर करें। हर वो चीज़ के लिए समय निकालें, जिसको करने से आपको खुशी और मन को शांति मिलती हो।
ध्यान रखें कि यदि आप खुश नहीं होंगी तो आप किसी भी जिम्मेदारी को अच्छे से नहीं निभा पाएंगी और तनाव से ग्रस्त हो जाएंगी। इसलिए खुद की खुशियों को बिल्कुल भी नज़रंदाज़ न करें और उन खुशियों को पूरे मन के साथ जीयें।
2. सेहत को बिल्कुल इग्नोर न करें
जितनी यह बात आम-सी लगती है उतनी ही जरूरी भी है। वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ की जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते, आप अपनी सेहत को कहीं पीछे न छोड़ दें इसलिए आपको अपनी सेहत पर जरूर ध्यान देना चाहिए।
3. जीवनसाथी की भी लें मदद tips for working mothers in hindi
एक वर्किंग मदर होने के नाते, आपके ऊपर घर और ऑफिस दोनों को बखूबी रूप से निभाने का प्रेशर रहता है। इस प्रेशर को झेलते हुए खुद को परेशान न होने दें। और इस मामले में अपने जीवनसाथी से बात कर उनकी मदद लें। उनसे बिना किसी हिचक के सारी बातें करें और फिर दोनों मिल कर घर- परिवार की सारी जिम्मेदारियों को आपस में बांट लें। इससे आपकी परेशानी कम हो जाएगी और काम भी आसानी से मिल- बांट कर हो जाएंगे।
4. थोड़ा समय करें खुद के नाम
भले ही, आपका शेडयूल कितना भी व्यस्त क्यों न हो, अपनी सेहत के लिए थोड़ा वक्त ज़रूर निकालें। सुबह व्यायाम करने से दिन भर आपका दिमाग अच्छा और स्थिर रहेगा। इससे तनाव तो कम होगा ही, आप ऊर्जावान भी महसूस करेंगी। साथ ही शरीर को आराम देने और उसे रिलैक्स करने के लिए हफ्ते के आखिर में आप मसाज जैसी चीजें भी करवा सकती हैं, इससे आपके साथ ही आपकी मांसपेशियां भी तनाव मुक्त हो जायेंगी।
5. प्राथमिकताओं को करें तय tips for working mothers in hindi
मान लें कि आपको ऑफिस का कुछ बेहद जरूरी काम है और आपके घर में सब कुछ ठीक चल रहा है, तो ऐसे वक्त में आपके लिए जरूरी है कि आप अपने ऑफिस के काम को प्राथमिकता दें। साथ ही , गैर-जरूरी चीजों को करने से बचें। और ठीक दूसरी तरफ अगर आप ऑफिस में है और आपके परिवार को आपकी जरूरत है तो आपको ऑफिस से कुछ देर की छुट्टी लेकर, अपने परिवार को प्राथमिकता देनी चाहिए। tips for working mothers in hindi
6. प्रैक्टिकल टारगेट ही बनाएँ
हम सभी को अपने जरूरी कामों को पूरा करने के लिए, एक टारगेट जरूर बनाना चाहिए। अब टारगेट चाहे हर रोज का हो हफ्ते या महीने का, पर होना जरूर चाहिए। अब इस कड़ी में यह बात जरूर ध्यान रखें कि आप एकदम प्रैक्टिकल टारगेट बनाएँ। यानि अपने टारगेट को अपने मौजूदा हालातों को ध्यान में रखके बनाएँ। क्या संभव है और क्या नहीं, इस बात का भी आपको ध्यान होना चाहिए। यदि आप प्रैक्टिकल टारगेट नहीं बनाएंगी तो फिर टारगेट पूरा न होने पर आप खुद को परेशान पा सकती हैं।