आजकल की इक्कीसवी सदी में ब्रेक -अपस होना आम बात है। रिलेशनशिप में कुछ बातों पर विचार न मिलना कोई बड़ी बात नहीं और नतीजा होता है ब्रेक-अप। पर बहुत से केसेस में लोग ब्रेक -अप हैंडल नहीं कर पाते और डिप्रेशन में चले जाते हैं। करियर पर फोकस न करना, खुद को बाकी सबसे कट -ऑफ कर लेना, सुसाइडल थॉट्स आना सब कुछ गलत लगता है।
पर उस समय ऐसा ही महसूस होता है, यह सब आपको आपकी लाइफ के एम से दूर करता है। आसान नहीं होता किसी को इतना आसानी से भुलाना जिसके साथ आप इमोशनली और मेंटली इतना जुड़े हुए हो। पर दूसरी तरफ आपके पेरेंट्स, आपके फ्रेंड्स और आपके वेल-विशेर्स भी हैं जो आपको लाइफ में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं, आपके गोल्स को आपको पूरा करते हुए देखना चाहते हैं। आपको खुश रहते हुए देखना चाहते हैं।
एक नई शुरुआत
ब्रेक -अप से कुछ भी खत्म नहीं होता बल्कि नयी शुरुआत होती है। ब्रेक -अप एक नयी शुरुआत है आपके लिए खुद को पाने की। नया सफर है अपने सपनों और मंज़िल को पाने की और। ठीक है कुछ समय के लिए कोई था जो आपकी प्रेरणा था पर अब नहीं है तो भी कोई बात नहीं।
अकेले नहीं हैं
हमेशा याद रखें की आप अकेले नहीं हैं आपके पेरेंट्स, फ्रेंड्स और वेल -विशर्स का सपोर्ट हमेशा आपके साथ है। इस दुनिया में आपके पेरेंट्स आपको सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं और हमेशा आपको खुश देखना चाहते हैं। अपने करियर पे ध्यान दीजिये, ट्रेवल कीजिये , अपनी लाइफ में बैलेंस बनाने की कोशिश कीजिये और सबसे ज़्यादा ज़रूरी उनकी कदर कीजिये जो आपके साथ हमेशा हैं।
अपनी फीलिंग्स को खुद पर हावी न होने दे। हाँ यह एक बहुत ही सेंसिटिव मोमेंट होता है पर आपका स्ट्रांग बनना बहुत ज़रूरी है। अपना नहीं तो अपने आस -पास उन लोगों के बारे में सोचिये जो आपको खुश देखना चाहते हैं।