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लीडरशिप का अर्थ
शैली चोपड़ा के विचार से लीडरशिप दूसरों को ऊपर उठाने और उन्हें आगे बढ़ाना है।
अनुरुंजीता कुमार के अनुसार लीडरशिप निडर होने और रिस्क लेने का मिक्सचर है। उन्होंने कहा कि अंत में आप क्या निर्णय लेते हैं, यह सबसे ज़रूरी है।
"मेरे लिए नेतृत्व में लिंग नहीं है। उदाहरण के लिए, हमने सभी को इंदिरा गांधी को एक महान लीडर के रूप में देखा है, महिला लीडर के रूप में नहीं।" - सोनू भसीन
शिनजनी कुमार ने कहा की एक अच्छे लीडर में आत्मविश्वास और प्रामाणिकता होना महत्वपूर्ण है।
लीडरशिप और लिंग
सोनू भसीन का कहना है की उनके लिए लीडरशिप में लिंग अनिवार्य नहीं होता। "मेरे लिए नेतृत्व में लिंग नहीं है। उदाहरण के लिए, हमने सभी को इंदिरा गांधी को एक महान लीडर के रूप में देखा है, महिला लीडर के रूप में नहीं।"
अनुरुंजीता का मानना है कि हर मनुष्य अपने आप में एक लीडर है। "जब मैं लीडरशिप के बारे में सोचती हूं, मेरी एक मेड है, जिसके तीन बच्चे हैं, और वह काम करती है। मेरे अनुसार वह एक लीडर है।"
शिनजिनी ने उस समय को याद किया जब लीडरशिप बड़ी संख्या में लोगों को फॉलो करने के बारे में था। उन्होंने कहा, हालात अब बदल गए हैं और लोग लीडरशिप का अर्थ समझना शुरू कर रहे है।
"जब मैं लीडरशिप के बारे में सोचती हूं, मेरी एक मेड है, जिसके तीन बच्चे हैं, और वह काम करती है। मेरे अनुसार वह एक लीडर है।" - अनुरुंजीता
एक लीडर के गुण
शैली चोपड़ा ने कहा कि उनके लिए सशक्त कहानियों वाली महिला लीडर है। मेरे लिए ज़रूरी है कि वह लीडरशिप कैसे दिखती हैं और क्या हासिल करना चाहती हैं।
सोनू के लिए ज़रूरी है कि एक लीडर लोगों को आगे लेकर जाए। शिनजिनी ने कहा कि वह अपनी मां को प्रेरणा के रूप में मानती है।
अब आप हमें बताइये कि आप किसको लीडर मानते हैं