/hindi/media/post_banners/Zn3nfzgaQ58xix7oMOK2.jpg)
Corona Vaccine Update - इंडिया में कोरोना के हालत आने वाले समय में गंभीर होने की आशंखा जताई जा रही है। साइंटिस्ट का कहना है कि सितम्बर में कोरोना की थर्ड वेव आएगी और उसके बाद अक्टूबर तक सीरियस हो जाएगी। अभी तक ऐसा कहा जा रहा था कि वैक्सीन लगाकर इस परिस्तिथि से बचा जा सकता है लेकिन हाल में ही ऐसा देखा गया है कि वैक्सीन लगे हुए लोगों में कोरोना केसेस ज्यादा देखे जा रहे हैं। यह बहुत ही आश्चर्यजनक बात है और इसको लेकर सभी टेंशन में हैं।
एक वैक्सीन के सिंगल डोज़ से तो इसके खिलाफ बहुत कम प्रोटेक्शन ही होता है। दूसरे डोज़ से इतना प्रोटेक्शन हो सकता है कि आप सीरियस नहीं होंगे। हमें ये याद रखने की जरुरत है कि कोरोना की वैक्सीन हमें पूरी तरीके से बीमारी से नहीं बचती है बस बीमारी को गंभीर होने से बचाती है।
Pfizer वैक्सीन का पहला डोज़ कोरोना के खिलाफ 33 % इफेक्टिव है और दूसरा डोज़ 88 % इफेक्टिव। इसके बाद AstraZeneca वैक्सीन पहले डोज़ के बाद 33 % और दूसरे के बाद 60 % तक इफेक्टिव है।
अभी फिल्हाल जो वैक्सीन इंडिया में इस्तेमाल की जा रही है उनके खिलाफ भी ये इसी तरीके से असरदार होगा। वैक्सीन और डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी सब जगह स्टडीज चल रही हैं।
कोरोना के खिलाफ जंग में अभी हमें बहुत कुछ सीखना बाकि है और इसके लिए हम लगातार शोध कर रहे हैं और नयी चीज़ें सीख रहे हैं। ऐसे में सबसे जरुरी है कि हम हिम्मत न हारें और चीज़ों को सीखते रहें।
जिस स्पीड में हमें वैक्सीन लग रही हैं उसे और तेज करने की जरुरत है ताकि हमें और किसी कोरोना लहर का सामना न करना पड़े। इंडिया में ऐसा नहीं है कि सिर्फ डेल्टा वैरिएंट ही है हमारे आस पास और भी वैरिएंट बने हैं लेकिन वो इतने ज्यादा खतरनाक नहीं हैं।
कोरोना के खिलाफ क्या वैक्सीन असरदार नहीं है?
एक वैक्सीन के सिंगल डोज़ से तो इसके खिलाफ बहुत कम प्रोटेक्शन ही होता है। दूसरे डोज़ से इतना प्रोटेक्शन हो सकता है कि आप सीरियस नहीं होंगे। हमें ये याद रखने की जरुरत है कि कोरोना की वैक्सीन हमें पूरी तरीके से बीमारी से नहीं बचती है बस बीमारी को गंभीर होने से बचाती है।
Pfizer वैक्सीन का पहला डोज़ कोरोना के खिलाफ 33 % इफेक्टिव है और दूसरा डोज़ 88 % इफेक्टिव। इसके बाद AstraZeneca वैक्सीन पहले डोज़ के बाद 33 % और दूसरे के बाद 60 % तक इफेक्टिव है।
अभी फिल्हाल जो वैक्सीन इंडिया में इस्तेमाल की जा रही है उनके खिलाफ भी ये इसी तरीके से असरदार होगा। वैक्सीन और डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी सब जगह स्टडीज चल रही हैं।
कोरोना के खिलाफ जंग में अभी हमें बहुत कुछ सीखना बाकि है और इसके लिए हम लगातार शोध कर रहे हैं और नयी चीज़ें सीख रहे हैं। ऐसे में सबसे जरुरी है कि हम हिम्मत न हारें और चीज़ों को सीखते रहें।
जिस स्पीड में हमें वैक्सीन लग रही हैं उसे और तेज करने की जरुरत है ताकि हमें और किसी कोरोना लहर का सामना न करना पड़े। इंडिया में ऐसा नहीं है कि सिर्फ डेल्टा वैरिएंट ही है हमारे आस पास और भी वैरिएंट बने हैं लेकिन वो इतने ज्यादा खतरनाक नहीं हैं।