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वजाइना में इचिंग होती है ? यह कई कारणों की वजह से हो सकती है। जैसे की फंगल इन्फेक्शन , एलर्जी ,स्किन इन्फेक्शन या फिर STD सेक्सुअली ट्रांसमिटेड देसिज़ेस की वजह से हो सकती है। कई बार जब हम बहार होते हैं , या घर पर भी तब हमें वजाइनल इचिंग की वजह से बहुत असुविधाजनक महसूस करना पड़ता है। और यह बार - बार होता है, तो आइये जानते है डॉ सुदेष्णा रे के द्वारा बताये कारण।
4 कारण वजाइना में इचिंग के -
अगर आपको वजाइना में बार बार इचिंग होती है तो हो सकता है की आप गलत ट्रीटमेंट ले रहे हों। ऐसा कई कारणों की वजह से हों सकती है। इसलिए अगर आपको एक बार फंगल इन्फेक्शन हुआ हो तो इसका मतलब यह नहीं की दुबारा इचिंग का कारण भी वही होगा। हो सकता है आपको अगली बार कुछ और कारण की वजह से इचिंग हो रहीं हो। इसलिए अपने डॉक्टर को दिखाएं और सलाह लें।
यदि आप बहुत तंग या टाइट कपड़े पहनती हैं तो इस वजह से भी आपको वजाइना में इचिंग हो सकती है। कई बार बहुत टाइट जीन्स या अंडरगार्मेंट की वजह से अस्वस्थ वातावरण हो जाता है । जितना हो सके उतना कॉटन के और ढीले कपड़े पहने। अपनी वजाइना को भी सांस लेने दें।
वजाइना को साफ़ रखना ज़रूरी है लेकिन क्या आप जानती हैं , वहां बैक्टीरिया और फंजाई का होना बहुत आवश्यक है। क्यूंकि यही हमारे वजाइना को गीला और हैल्दी रखता है। अगर आप अधिक साबुन से इसे बार बार धोएंगी तो बैक्टीरिया ख़तम हो जायेगा और आपको इचिंग होगी।
अगर आपको फीवर होता है तो उस वजह से भी इचिंग होती है क्यूंकि हमारी वजाइना में हेल्दी बैक्टीरिया रहता है। लेकिन जब हम कोई एंटी बायोटिक दवा खाते हैं तब वजाइना के बैक्टीरिया का भी संतुलन बिगड़ जाता है और इस वजह से आपको इचिंग होती है।
4 कारण वजाइना में इचिंग के -
1 ) गलत रोगनिर्णय -
अगर आपको वजाइना में बार बार इचिंग होती है तो हो सकता है की आप गलत ट्रीटमेंट ले रहे हों। ऐसा कई कारणों की वजह से हों सकती है। इसलिए अगर आपको एक बार फंगल इन्फेक्शन हुआ हो तो इसका मतलब यह नहीं की दुबारा इचिंग का कारण भी वही होगा। हो सकता है आपको अगली बार कुछ और कारण की वजह से इचिंग हो रहीं हो। इसलिए अपने डॉक्टर को दिखाएं और सलाह लें।
2 ) तंग कपड़े -
यदि आप बहुत तंग या टाइट कपड़े पहनती हैं तो इस वजह से भी आपको वजाइना में इचिंग हो सकती है। कई बार बहुत टाइट जीन्स या अंडरगार्मेंट की वजह से अस्वस्थ वातावरण हो जाता है । जितना हो सके उतना कॉटन के और ढीले कपड़े पहने। अपनी वजाइना को भी सांस लेने दें।
3 ) अत्यधिक सफाई -
वजाइना को साफ़ रखना ज़रूरी है लेकिन क्या आप जानती हैं , वहां बैक्टीरिया और फंजाई का होना बहुत आवश्यक है। क्यूंकि यही हमारे वजाइना को गीला और हैल्दी रखता है। अगर आप अधिक साबुन से इसे बार बार धोएंगी तो बैक्टीरिया ख़तम हो जायेगा और आपको इचिंग होगी।
4 ) वाइरल फीवर -
अगर आपको फीवर होता है तो उस वजह से भी इचिंग होती है क्यूंकि हमारी वजाइना में हेल्दी बैक्टीरिया रहता है। लेकिन जब हम कोई एंटी बायोटिक दवा खाते हैं तब वजाइना के बैक्टीरिया का भी संतुलन बिगड़ जाता है और इस वजह से आपको इचिंग होती है।