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एंडोमेट्रियोसिस क्या है ? जानिए इसका इलाज और लक्षण

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Swati Bundela
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कई महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से गुजर रही है। लेकिन इस बीमारी के बारे आज भी कई महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं है। भारत में 2.6 महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित है और विश्व में लगभग 17.2 करोड़ महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हैं। एंडोमेट्रियोसिस क्या है ?

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एंडोमेट्रियोसिस क्या है ?



एंडोमेट्रियोसिस यूट्रस में होने वाली आम समस्या है। जिसमें एंडोमेट्रियल टिशु बढ़नेे लगती है और गर्भाशय से बाहर फैलने लग जाता है। इसके अलावा यह टिशू कोई और अंगों तक भी फैल जाता है। वही यह शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।
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इसके लक्षण क्या है ?



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  • इसके कारण पीरियड के समय पेट में तेज दर्द होता है। साथ ही मांसपेशियों के खिंचाव में परेशानी होती है।


  • पीरियड के समय इसके कारण अधिक ब्लीडिंग होता है।


  • चक्कर,थकान, कब्ज और आदि समस्याओं को झेलना पड़ता है।


  • यौन संबंध बनाने के समय या बाद में ज्यादा दर्द होता है। साथ ही पेशाब करते समय दर्द होता है।


  • इनफर्टिलिटी की समस्या होती है।




एंडोमेट्रियोसिस तीन चरणों में बटा है

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1. इसके पहले चरण में पेल्विक की सतह में छोड़े धब्बे होने लगते हैं। इसके अलावा ऊतकों के आसपास में जलन या सूजन हो जाता है। वही इसके कारण adhesions होता भी है। जिससे दर्द होता है और कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है।



2. इसके दूसरे चरण में स्थिति और गंभीर हो जाती है। पेल्विक या ओवल्युशन के दौरान दर्द होता है। इसके अलावा यूट्रस के हिस्से में घाव भी हो जाता है।
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3. इसके तीसरे चरण में एंडोमेट्रीओमा‌ दिखने लग जाते हैं। वहीं अगर रसोली फट जाती है। जिसके कारण अधिक पेट दर्द और पेेलविक में सूजन हो सकती है। वही जैसे-जैसे एंडोमेट्रिओसिस आकार और संख्या में बढ़ते जाते हैं, इनसे होने वाले एढ़ीजन भी बढ़ जाती हैं। इसका महिलाओं को बांझपन का सामना करना पड़ता है।

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कैसे करें एंडोमेट्रिओसिस से बचाव ?





  • गर्भनिरोधक दवाइओं का इस्तेमाल कर एंडोमेट्रियोसिस को ठीक किया जा सकता है। लेकिन कोई भी दवा इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर ले।


  • रोजाना व्यायाम करें, जितना हो सके अपने शरीर का  इस्तेमाल करें । जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा कम हो सके।


  • शराब या कैफीन चीज़ों का सेवन ना करें। इससे एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है।


  • सर्जरी की मदद लेकर भी आप इसका इलाज करवा सकती हैं।




 
सेहत
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