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ब्लड लॉस होता है। पीरियड हर महीने आते हैं और पीरियड की साइकिल हर 28 दिन की मानी जाती है। आजकल बहुत सी लड़कियों को टाइम पर पीरियड्स नहीं आते हैं और बहुत दिनों या महीनों के अंतर के बाद आते हैं। इसके कई कारण होते हैं जैसे कि खाने पीने में बदलाव, टेंशन, इन्सुलिन लेवल बड़ जाना या फिर गलत खान पान
इसके कारण कई सारे पिम्पल्स हो जाते हैं और फेस पर बाल आ जाते हैं। कई लोगों को हार्मोनल डिस्बैलेंस के कारण पीरियड के वक़्त बहुत ज्यादा दर्द भी होता है और वजन बहुत बढ़ने लगता है।
सबसे पहले तो अगर आपको हार्मोनल डिसबैलेंस की समस्या है तो आप डेरी प्रोडक्ट्स ना खाएं। डेरी प्रोडक्ट्स में सभी दूध से बनी चीज़ें आती हैं इस से आपको पिम्पल्स भी हो सकते और आपकी हेल्थ और बिगड़ भी सकती है। इसके साथ साथ आप ज्यादा तेल मसाले का और तला हुआ खाना बिलकुल भी ना खाएं। कोशिश करें कि आप सादा रोटी सब्जी ढेर सारी सलाद के साथ खाएं। आपके लिए बहुत जरुरी होता है कि आप जंक फ़ूड बंद कर के तुर्रंत बना गरम खाना खाएं।
पीरियड के वक़्त हमें कई तेल मसाले और मीठी चीज़ें खाने की क्रेविंग होती है। इसको आप कण्ट्रोल में रखें और भावनाओं में बहकर ज्यादा मीठा और नमक न खाएं। ज्यादा शक्कर और नमक शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है खास तौर पर पीरियड्स के वक़्त इसलिए शरीर के खाने की जरुरत के हिसाब शक्कर और नमक खाएं और ऊपर से ना डालें।
जब गर्मियों का मौसम होता है तो हमारी आदत होती है कि हम ठंडा पानी और बर्फ डाली कोल्ड ड्रिंक्स वगेरा ज्यादा पीते हैं। आप कोशिश करें कि पीरियड्स के पांच दिन कम से कम ठंडी चीज़ें खाएं क्योंकि इससे मांसपेशिये सुकड़ जाते हैं और दर्द ज्यादा होने लगता है।
इसका सबसे बड़ा आपकी अंदरूनी समस्या भी हो सकती है। इसलिए आप डॉक्टर के पास जाएं और अपनी सोनोग्राफी करवाएं इस से आपको साफ़ साफ़ पता लग जाएगा कि आपको क्या समस्या है। किसी किसी को ओवरी में गाँठ या किस्त होने के कारण भी समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं।
इसके कारण कई सारे पिम्पल्स हो जाते हैं और फेस पर बाल आ जाते हैं। कई लोगों को हार्मोनल डिस्बैलेंस के कारण पीरियड के वक़्त बहुत ज्यादा दर्द भी होता है और वजन बहुत बढ़ने लगता है।
हार्मोनल डिस्बैलेंस में क्या करें ?
सबसे पहले तो अगर आपको हार्मोनल डिसबैलेंस की समस्या है तो आप डेरी प्रोडक्ट्स ना खाएं। डेरी प्रोडक्ट्स में सभी दूध से बनी चीज़ें आती हैं इस से आपको पिम्पल्स भी हो सकते और आपकी हेल्थ और बिगड़ भी सकती है। इसके साथ साथ आप ज्यादा तेल मसाले का और तला हुआ खाना बिलकुल भी ना खाएं। कोशिश करें कि आप सादा रोटी सब्जी ढेर सारी सलाद के साथ खाएं। आपके लिए बहुत जरुरी होता है कि आप जंक फ़ूड बंद कर के तुर्रंत बना गरम खाना खाएं।
हार्मोनल डिस्बैलेंस के वक़्त डाइट कैसी रखें ?
पीरियड के वक़्त हमें कई तेल मसाले और मीठी चीज़ें खाने की क्रेविंग होती है। इसको आप कण्ट्रोल में रखें और भावनाओं में बहकर ज्यादा मीठा और नमक न खाएं। ज्यादा शक्कर और नमक शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है खास तौर पर पीरियड्स के वक़्त इसलिए शरीर के खाने की जरुरत के हिसाब शक्कर और नमक खाएं और ऊपर से ना डालें।
जब गर्मियों का मौसम होता है तो हमारी आदत होती है कि हम ठंडा पानी और बर्फ डाली कोल्ड ड्रिंक्स वगेरा ज्यादा पीते हैं। आप कोशिश करें कि पीरियड्स के पांच दिन कम से कम ठंडी चीज़ें खाएं क्योंकि इससे मांसपेशिये सुकड़ जाते हैं और दर्द ज्यादा होने लगता है।
हार्मोनल डिस्बैलेंस का बड़ा कारण क्या होता है ?
इसका सबसे बड़ा आपकी अंदरूनी समस्या भी हो सकती है। इसलिए आप डॉक्टर के पास जाएं और अपनी सोनोग्राफी करवाएं इस से आपको साफ़ साफ़ पता लग जाएगा कि आपको क्या समस्या है। किसी किसी को ओवरी में गाँठ या किस्त होने के कारण भी समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं।