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Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र क्या होता है? हिन्दू धर्म से जुड़ा पूजा पाठ पाजिटिविटी के लिए

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Swati Bundela
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Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र भारतीय आर्किटेक्चर सिस्टम की ट्रेडिशनल अप्रोच है जो खासतौर पर मंदिरों के डिज़ाइन बनाने के लिए जानी जाती है। आज इसको लेकर लोगों का विश्वास फिर से जागृत हो रहा है इसकी वजह है नेगेटिव एनर्जी का वास। बदलते लाइफस्टाइल के कारण तनाव बढ़ रहा है, लोगों का मन अशांत है इसी के सलूशन ढूंढ़ते हुए व्यक्ति वास्तु शास्त्र को अपना रहा है पर वास्तु शास्त्र की सुनी सुनाई बातों को सुनकर अमल कर लेना, उल्टा प्रभाव डाल सकती है। आईए जानते है -

वास्तु शास्त्र क्या है?

वास्तु शास्त्र साइंस आर्किटेक्चर जिसमें किसी भी घर, मंदिर, कमरे, बिल्डिंग का निर्माण दिशाओं से आ रही गुड और बेड एनर्जी के हिसाब से किया जाता है। यह मुख्य रूप से दिशाओं की दशा ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मॉडर्न आर्किटेक्चर की तरह ही है पर इसमें लोगों को जगह से मिलने वाली नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है।

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1. "हिन्दू धर्म से जुड़ा है"

वास्तु शास्त्र में हर कोने से पोस्टिव ऊर्जा का संचार करने और नेगटिव एनर्जी को दूर करने के लिए किया जाता है। यह किसी धर्म या जाती से नहीं जुड़ा हुआ है।

2. "इसमें पूजा-पाठ शामिल है"

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वास्तु शास्त्र को अक्सर लोग पूजा-पाठ से जुड़ा हुए मानते है। नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए पूजा पाठ को एकमात्र ऑप्शन मान ने वाले अक्सर यह गलती कर देते है। आसान भाषा में कहे तो चीज़ो जैसे कि अलमारी और पूजा कमरा, दरवाज़े किस दिशा में होने चाहिए जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आए, यह वास्तु शास्त्र है।

3. "सिर्फ इंसानो को फायदा मिलता है"

वास्तु शास्त्र से घर में रह रहे हर प्राणी चाहे वो इंसान हो या कोई जानवर सबको प्रभावित करता है। अगर घर में पालतू जानवर का स्थान सुनिश्चित हो तो पोस्टिव वाइब मिलने से वह खुश और स्वस्थ रहते है।

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4. दक्षिणमुखी घर अच्छे नहीं होते

दक्षिण में यम का वास माना जाता है जो मृत्यु के देवता है। ऐसे में लोगों को लगता है दक्षिण में घर का दरवाज़ा होने से मृत्यु को आगमन देने जैसा है पर बता दें हर दिशा से अलग अलग वाइब्रेशन होती है बस उनसे पोस्टिव वाइब्रेंट को अट्रैक्ट करने के लिए कुछ रूल्स, रेगुलेशन फॉलो करने पड़ते है ताकि पोस्टिव एनर्जी बरकरार रहे।

5. वास्तु शास्त्र में ऑप्शन लिमिटेड है"

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वास्तु शास्त्र को लेकर लोगों में यह धारणा है कि इसमें चीज़ो को रखने, कमरे जैसे किचन, बैडरूम बनाने की जगह बिलकुल फिक्स्ड है पर यह सच नहीं है। वास्तु शास्त्र बहुत ऑप्शंस देता है जैसे कि अगर किचन आग्नेय कोण में नहीं बन रही है तो उसे वायव्य कोण बना सकते है।

6. "उत्तर दिशा में कुबेर का खजाना होना चाहिए"

कुबेर के खजाने से मतलब है धन की अलमारी या लॉकर। इस मिथ को पढ़कर ज़्यादातर लोग अपने पैसे जिसमें भी रखते है उसे उत्तर दिशा में रख देते है पर असल में इम्पोर्टेन्ट है अलमारी का उत्तर दिशा में खुलना या उत्तर दिशा की तरफ मूँह होना चाहे उसे दक्षिण दिशा में रखा गया हो।



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