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अभिनेत्री, मॉडल और भूतपूर्व "Miss India" रह चुकी नेहा धूपिया ने आज ही अपने पति अंगद बेदी के साथ मिलकर अपने सेकंड प्रेगनेंसी की न्यूज़ अपने इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर की है। उन दोनों की पहले से एक बेटी "मेहर" है। अपने मदरहुड और एक वर्किंग मॉम के एक्सपेरिएंसेस को लेकर वो हमेशा वोकल रही हैं। अपने पहले प्रेगनेंसी के दौरान कई सारे causes को सपोर्ट करते हुए नेहा धूपिया ने प्रेगनेंसी में फैट शमिंग करने वालों को हमेशा मुँह तोड़ जवाब दिया था।
अपने पहले प्रेगनेंसी में डिलीवरी के 10 दिन बाद ही नेहा धूपिया ने वापस काम ज्वाइन कर लिया था। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने हमेशा कहा है कि वो खुद को wonder women समझती हैं इस बारे में बता करते हुए उन्होंने ये भी बताया है कि वो अपने काम को लेकर पैशनेट हैं और इसलिए उन्हें वापस काम ज्वाइन करने में दिक्कत नहीं आई। ये हर वूमेन की अपनी चॉइस होनी चाहिए।
नेहा ने अपने पहले प्रेगनेंसी के बारे बात करते हुए बताया था कि आज भी मदर्स के लिए अपने newborn baby के साथ समय बिताना एक कम्पल्शन की तरह हो सकता है। जेंडर इनक्वॉलिटी के बारे में बता करते हुए उन्होंने बताया था कि इंडिया में आज भी इस पर बहुत कमा बाकी है और इसी कारण महिलाएं बेबी के हर need की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले लेती हैं।
एक वर्किंग मॉम के साथ mom-guilt का शब्द हमेशा अटैच्ड रहता है। इस बारे में नेहा ने बात करते हुए बताया था कि मॉम गिल्ट को ओवरकम करना आसान नहीं होता है इसलिए महिलाएं अपने काम को compartmentalize करने की कोशिश कर सकती हैं। इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर महिलाएं रोज़ थोड़ा-थोड़ा काम करें तो उनको mom-guilt से आज़ादी मिल सकती है।
प्रेगनेंसी को लेकर महिलाओं को काफी ज़्यादा फैट शेमिंग से गुज़रना पड़ता है। इस बारे में बता करते हुए नेहा ने बताया था कि जब कभी आपको अगर कभी चोट लगती है तो लोग आपको अपना ख्याल रखने को कहते हैं ठीक उसी तरह महिलाएं भी प्रेगनेंसी में बहुत कुछ से गुज़रती हैं इसलिए एक न्यू मॉम को फैट शेम करने का हक़ किए को नहीं होना चाहिए। मदरहुड के बारे में एडवाइस देते हुए उन्होंने बताया था कि जितना हो सके महिलाओं को अपनी नींद को प्रायोरिटी देनी चाहिए।
डिलीवरी के बाद काम करना होनी चाहिए एक चॉइस
अपने पहले प्रेगनेंसी में डिलीवरी के 10 दिन बाद ही नेहा धूपिया ने वापस काम ज्वाइन कर लिया था। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने हमेशा कहा है कि वो खुद को wonder women समझती हैं इस बारे में बता करते हुए उन्होंने ये भी बताया है कि वो अपने काम को लेकर पैशनेट हैं और इसलिए उन्हें वापस काम ज्वाइन करने में दिक्कत नहीं आई। ये हर वूमेन की अपनी चॉइस होनी चाहिए।
मदरहुड है महिलाओं के लिए डिमांडिंग
नेहा ने अपने पहले प्रेगनेंसी के बारे बात करते हुए बताया था कि आज भी मदर्स के लिए अपने newborn baby के साथ समय बिताना एक कम्पल्शन की तरह हो सकता है। जेंडर इनक्वॉलिटी के बारे में बता करते हुए उन्होंने बताया था कि इंडिया में आज भी इस पर बहुत कमा बाकी है और इसी कारण महिलाएं बेबी के हर need की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले लेती हैं।
Mom-guilt से डील करने की सलाह भी दी है नेहा ने
एक वर्किंग मॉम के साथ mom-guilt का शब्द हमेशा अटैच्ड रहता है। इस बारे में नेहा ने बात करते हुए बताया था कि मॉम गिल्ट को ओवरकम करना आसान नहीं होता है इसलिए महिलाएं अपने काम को compartmentalize करने की कोशिश कर सकती हैं। इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर महिलाएं रोज़ थोड़ा-थोड़ा काम करें तो उनको mom-guilt से आज़ादी मिल सकती है।
फैट शेमिंग और एडवाइस
प्रेगनेंसी को लेकर महिलाओं को काफी ज़्यादा फैट शेमिंग से गुज़रना पड़ता है। इस बारे में बता करते हुए नेहा ने बताया था कि जब कभी आपको अगर कभी चोट लगती है तो लोग आपको अपना ख्याल रखने को कहते हैं ठीक उसी तरह महिलाएं भी प्रेगनेंसी में बहुत कुछ से गुज़रती हैं इसलिए एक न्यू मॉम को फैट शेम करने का हक़ किए को नहीं होना चाहिए। मदरहुड के बारे में एडवाइस देते हुए उन्होंने बताया था कि जितना हो सके महिलाओं को अपनी नींद को प्रायोरिटी देनी चाहिए।