New Update
विवादास्पद (controversial) रूप में देखा जाता है। तलाक को एक विवाद के रूप में लेना, और खासकर तलाकशुदा महिलाओं की आगे की ज़िंदगी में गहरा प्रश्नचिन्ह लगाना, कहाँ तक सही है ? समाज तलाकशुदा महिलाओं को बड़े कठिन इम्तिहान देने को मजबूर कर देता है। जिसके कारण महिलाओं की आने वाली ज़िंदगी में मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। एक खतरनाक रिश्ते में खुद को हमेशा के लिए बांधे रखने से अच्छा है, उस रिश्ते को छोड़कर तलाक लेना। हमारे समाज को यह बात समझने की बेहद जरूरत है।
ऐसी महिलायें जो हिम्मत करके, ज़हर उगलते रिश्ते को छोड़ती हैं उनको समाज में एक 'स्वार्थी औरत' का टैग दे देना, कितना तर्कसंगत होगा। और न केवल तलाकशुदा महिलाओं को एक टैग दिया जाता है, बल्कि उनको समाज से दूर करने की भी पूरी कोशिश की जाती है। क्योंकि वो समाज की दूसरी लड़कियों को बिगाड़ सकती हैं और उनको पुरुषों के खिलाफ़ भड़का सकती हैं।
हमें यह समझने की जरूरत है कि कोई भी अपनी अच्छी-खासी ज़िंदगी को छोड़कर तलाक नहीं लेना चाहेगा। अगर उस इंसान को अपने रिश्ते में चीजें सुधरती नहीं लगेंगी, तभी बात तलाक लेने तक पहुंचेगी। ज़हर उगलते रिश्तों को बचाने में कैसा फायदा और कैसे समझदारी ? ऐसे रिश्तों को खत्म कर देने में ही समझदारी है।
'Sisterhood With Shaili’ में तलाक को विवादास्पद रूप में देखे जाने को लेकर प्रश्न का जगीशा अरोरा ने उत्तर दिया था। जगीशा अरोरा को उनके परिवार ने खुद से अलग कर दिया है, क्योंकि उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ़ जाकर इंटरकास्ट (inter-caste) शादी की है।
''रिश्ते को निभाना भले-ही बेहद कठिन क्यों न हो रहा हो, मगर महिलाओं से हमेशा यह उम्मीद की जाती है कि उनको हर हाल में रिश्ते को बचाना चाहिए। अगर शादी अरैन्ज है, तब भी और अगर लव है, तब भी। गलत रिश्तों को तोड़ देना चाहिए, क्यों हमारा समाज इस चीज़ को मानने से मुकरता रहता है। तलाक के साथ, इतने स्टिग्मा (stigma) क्यों जोड़ दिए हैं, मुझे समझ नहीं आता है। अलग-अलग रहकर अगर दो इंसान खुश हैं, तो बात यहाँ पर खत्म हो जानी चाहिए।''
ऐसी महिलायें जो हिम्मत करके, ज़हर उगलते रिश्ते को छोड़ती हैं उनको समाज में एक 'स्वार्थी औरत' का टैग दे देना, कितना तर्कसंगत होगा। और न केवल तलाकशुदा महिलाओं को एक टैग दिया जाता है, बल्कि उनको समाज से दूर करने की भी पूरी कोशिश की जाती है। क्योंकि वो समाज की दूसरी लड़कियों को बिगाड़ सकती हैं और उनको पुरुषों के खिलाफ़ भड़का सकती हैं।
हमें यह समझने की जरूरत है कि कोई भी अपनी अच्छी-खासी ज़िंदगी को छोड़कर तलाक नहीं लेना चाहेगा। अगर उस इंसान को अपने रिश्ते में चीजें सुधरती नहीं लगेंगी, तभी बात तलाक लेने तक पहुंचेगी। ज़हर उगलते रिश्तों को बचाने में कैसा फायदा और कैसे समझदारी ? ऐसे रिश्तों को खत्म कर देने में ही समझदारी है।
तलाक पर जगीशा अरोरा के विचार
'Sisterhood With Shaili’ में तलाक को विवादास्पद रूप में देखे जाने को लेकर प्रश्न का जगीशा अरोरा ने उत्तर दिया था। जगीशा अरोरा को उनके परिवार ने खुद से अलग कर दिया है, क्योंकि उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ़ जाकर इंटरकास्ट (inter-caste) शादी की है।
''रिश्ते को निभाना भले-ही बेहद कठिन क्यों न हो रहा हो, मगर महिलाओं से हमेशा यह उम्मीद की जाती है कि उनको हर हाल में रिश्ते को बचाना चाहिए। अगर शादी अरैन्ज है, तब भी और अगर लव है, तब भी। गलत रिश्तों को तोड़ देना चाहिए, क्यों हमारा समाज इस चीज़ को मानने से मुकरता रहता है। तलाक के साथ, इतने स्टिग्मा (stigma) क्यों जोड़ दिए हैं, मुझे समझ नहीं आता है। अलग-अलग रहकर अगर दो इंसान खुश हैं, तो बात यहाँ पर खत्म हो जानी चाहिए।''