Sunscreen In Summers: सनस्क्रीन के नाम से जैसे कि समझ में आ रहा है कि सनस्क्रीन का मतलब होता है सन से बचाने के लिए स्क्रीन। सनस्क्रीन आपकी त्वचा को जलने से, काली पढ़ने से और ख़राब होने से बचाकर रखती है। यह आपको तेज धूप की खतरनाक किरणे से UVA और UVV से बचाती है। इसको अगर आप रोज इस्तेमाल करते हैं तो आपके चेहरे के सभी तरह के स्पॉट कम वक़्त में ही ठीक हो जाते हैं। अब सबसे बड़ी बात है कि सनस्क्रीन कब लगायी जाती है और कैसे लगायी जाती है और कौन सी सनस्क्रीन आपको खरीदना चाहिए।
सनस्क्रीन में SPF क्या होता है?
सनस्क्रीन में SPF होता है और ये हमारी त्वचा को धूप से बचाता है। आपकी सनस्क्रीन में जितना ज्यादा SPF होता है उतना ही कम आप को सूरज से निकलने वाली यूवीबी किरणों से नुकसान होता है। अगर सनस्क्रीन में SPF की मात्रा 20 है तो सूरज से आपको 20 गुना प्रोटेक्शन मिलता है। अगर आप बिना सनस्क्रीन के बाहर निकलते हैं तो आपकी त्वचा जलकर काली पढ़ जाती है।
सनस्क्रीन कई तरीके की होती हैं जैसे कि ऑयली स्किन के लिए जेल वाली और ड्राई स्किन के लिए क्रीम वाली। अगर आप क्रीम वाली सनस्क्रीन लगाते हैं तो आपको अलग से क्रीम लगाने की जरुरत नहीं पढ़ती है। अगर आपको पिम्पल है तो आप हमेशा जेल वाली सनस्क्रीन ही लगाएं। सनस्क्रीन हमेशा अपनी स्किन की जरुरत के हिसाब से लगाएं।
कब और कैसे लगाएं सनस्क्रीन?
सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना जरुरी होता। सनस्क्रीन लगाना आप अपनी आदत बनालें और रोजाना बाहर जाएं या ना सनस्क्रीन जरूर लगाएं। सनस्क्रीन को हमेशा मॉइस्चराइज़र के बाद और मेकअप के पहले लगाया जाता है।
अगर आपको बाहर निकले 6 घंटे से ज्यादा हो गए हैं और धूप नहीं गयी तब आपको फिर से एक बार सनस्क्रीन लगाने की जरुरत होती है। सनस्क्रीन का असर क्योंकि सिर्फ 5 से 6 घंटे तक ही होता है।