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पीरियड ट्रैकिंग का मतलब है अपने पीरियड डेट्स को हर महीने नोट करके रखना और उस हिसाब से उन्हें ट्रैक करना। पीरियड ट्रैकिंग बहुत आसान है और आजकल तो इसके लिए बहुत सारे ऐप भी लॉन्च हो चुके हैं। पीरियड ट्रैकिंग बहुत ज़रूरी है खासकर तब जब आपके पीरियड्स इर्रेगुलर है। नॉर्मली भी पीरियड ट्रैक करने से आपको अनगिनत फायदें मिल सकते हैं। जानिए क्या है पीरियड ट्रैकिंग के फायदें:
पीरियड का पैटर्न हर किसी के लिए अलग होता है। हम चाहे कितना भी इसको कॉमन करने के लिए 28 दिन का बना दें सबकी मेंस्ट्रुअल साइकिल की लेंथ अलग होती है। आप जब अपने पीरियड को ट्रैक करती हैं तो इससे आपको अपने पीरियड और उसके पैटर्न की एक बेहतर अंडरस्टैंडिंग होती है। ऐसे में आपको पता होता है की आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल कितना लम्बा है और फिर आपको पीरियड्स कब होगा।
अगर आप प्रेगनेंसी के लिए ट्राई कर रही हैं तो ये बहुत ज़रूरी है की आपको अपने ओव्यूलेशन डेज पता हो। ओव्यूलेशन की एक्सएक्ट डेट को हम एक अप्रोक्सिमेशन ही मान सकते हैं। आम तौर पर पीरियड्स शुरू होने के 14 दिन पहले आप ओव्युलेट करने लगती हैं। इस समय आपकी फर्टिलिटी सबसे ज़्यादा होती है। इसलिए पीरियड ट्रैकिंग ज़रूरी है।
आम तौर पर अपने पूरे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान हमारी सेक्स ड्राइव काफी अलग-अलग होती है। अगर आप पीरियड को ट्रैक करेंगी तो आप अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल को भी बेहतर समझ पाएंगी जिससे आपको अपनी सेक्स ड्राइव की कैपेसिटी भी पता रहेगी। इसलिए पीरियड ट्रैकिंग आपको आपकी पूरे मेंस्ट्रुअल साइकिल की सेक्स ड्राइव के बारे में बेहतर समझने का मौका देता है।
अपने पूरे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान आपके मूड्स में कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। अगर आपको ये पता होगा की अभी आप अपने साइकिल के किस फेज में हैं तो आप उस हिसाब से अपने मूड को ज़्यादा बेहतर मैनेज कर पाएंगी।
पीरियड्स की सारी बातें आपके शरीर में हो रहे बदलावों के कारण होती हैं। इसलिए अगर आप अपने पीरियड्स को ट्रैक करेंगी तो आपको पता होगा की आपके शरीर में क्या चल रहा है। ट्रैकिंग के दरमियान अगर आपके पीरियड्स लेट भी हो गए तो आपको इसकी जानकारी होगी और आप फिर डॉक्टर की सलाह भी बेहतर तरीके से ले पाएंगी।
1. अपने पीरियड पैटर्न को समझने में मिलती है मदद
पीरियड का पैटर्न हर किसी के लिए अलग होता है। हम चाहे कितना भी इसको कॉमन करने के लिए 28 दिन का बना दें सबकी मेंस्ट्रुअल साइकिल की लेंथ अलग होती है। आप जब अपने पीरियड को ट्रैक करती हैं तो इससे आपको अपने पीरियड और उसके पैटर्न की एक बेहतर अंडरस्टैंडिंग होती है। ऐसे में आपको पता होता है की आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल कितना लम्बा है और फिर आपको पीरियड्स कब होगा।
2. आपको अपने ओव्यूलेशन डेज पता होंगे
अगर आप प्रेगनेंसी के लिए ट्राई कर रही हैं तो ये बहुत ज़रूरी है की आपको अपने ओव्यूलेशन डेज पता हो। ओव्यूलेशन की एक्सएक्ट डेट को हम एक अप्रोक्सिमेशन ही मान सकते हैं। आम तौर पर पीरियड्स शुरू होने के 14 दिन पहले आप ओव्युलेट करने लगती हैं। इस समय आपकी फर्टिलिटी सबसे ज़्यादा होती है। इसलिए पीरियड ट्रैकिंग ज़रूरी है।
3. सेक्स ड्राइव के बारे में पता चलेंगी बहुत सारी बातें
आम तौर पर अपने पूरे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान हमारी सेक्स ड्राइव काफी अलग-अलग होती है। अगर आप पीरियड को ट्रैक करेंगी तो आप अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल को भी बेहतर समझ पाएंगी जिससे आपको अपनी सेक्स ड्राइव की कैपेसिटी भी पता रहेगी। इसलिए पीरियड ट्रैकिंग आपको आपकी पूरे मेंस्ट्रुअल साइकिल की सेक्स ड्राइव के बारे में बेहतर समझने का मौका देता है।
4. आप अपना मूड मैनेज कर सकती हैं
अपने पूरे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान आपके मूड्स में कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। अगर आपको ये पता होगा की अभी आप अपने साइकिल के किस फेज में हैं तो आप उस हिसाब से अपने मूड को ज़्यादा बेहतर मैनेज कर पाएंगी।
5. आपके हेल्थ के बारे में मिलेगी जानकारी
पीरियड्स की सारी बातें आपके शरीर में हो रहे बदलावों के कारण होती हैं। इसलिए अगर आप अपने पीरियड्स को ट्रैक करेंगी तो आपको पता होगा की आपके शरीर में क्या चल रहा है। ट्रैकिंग के दरमियान अगर आपके पीरियड्स लेट भी हो गए तो आपको इसकी जानकारी होगी और आप फिर डॉक्टर की सलाह भी बेहतर तरीके से ले पाएंगी।