Women's Character & Clothes: समाज में औरत को बहुत पुराने समय से नियमों, संस्कार की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। औरत के देवी के रूप को पूजने वाले लोग औरत पर अत्याचार, रोकटोक करते नजर आते है। लड़की को घर की इज्जत कहा जाने पर उसे सोने चांदी की तरह लोगों ने घर की चार दीवारी में समेट कर रखना शुरू कर दिया है जिसका नतीजा यह है आज उसके उठाएं जाने वाले हर कदम पर बातें बन रही है। उससे सामान तोलने वाले तोले में किसी वस्तु की तरह तोला जाता रहा है कैसे कपड़े पहने है, कैसे बोलती है, कितनी ज़ुबान चलती है, बाहर कितना घूमती है आदि।
Women's Character & Clothes: क्या एक महिला के कपड़ों से उसके करैक्टर को जज करना सही है?
1.व्यक्तित्व की पहचान
पैंट शर्ट पहनने वाला इंसान चोर हो सकता है, पुराने कपड़े पहनने वाला व्यक्ति अच्छा खासा कमाने वाला सेठ हो सकता है, कपड़े देखकर किसी भी आदमी के व्यक्तित्व की पहचान कर पाना मुश्किल है तो एक लड़की को जीन, स्कर्ट या किसी भी तरह के कपड़े पहने देख उसके करैक्टर का लगाया गया अनुमान सही हो सकता है?
2. आपकी सोच की पहचान
औरत के पहने हर कपड़े की बुराई कर, उसका मजाक बना कर उसको कोसना आपकी सोच को दर्शाता है जो अभी भी छोटी और गलत है। हम आजाद देश के आजाद नागरिक है जिनको अपनी बात रखने का अधिकार है पर गलत टिप्पणी करने का नहीं। हर व्यक्ति को इच्छा अनुसार सही कार्य करने की आजादी है जिसमे एक औरत को अपनी मर्ज़ी से कपड़े पहनना भी शामिल है।
3. पसंद नापसंद
किसी को पीला रंग पसंद होता है तो किसी को पिंक। हर व्यक्ति कपड़े अपनी पसंद और नापसंद के हिसाब से पहनता है चाहे वो किसी को अच्छा लगे या नहीं। एक औरत को भी अपनी पसंद, बिना किसी दबाव के अपनी मर्ज़ी के कपड़े पहनाने का हक़ है क्योंकि वो भी इंसान है। किसी की इच्छा व पसंद पर अपनी राय बनाना गलत है।
4. ट्रेंड
साड़ी, जीन, स्कर्ट, सलवार सूट आदि सब क्लोथिंग ट्रेंड का हिस्सा है। हर कोई ट्रेंड व रिवाज के साथ चलना चाहता है वो अपने लाइफ में आगे बढ़ने की कोशिश करता है चाहे वो कपड़ो के मामले में क्यों न हो। अगर कोई औरत साड़ी की जगह स्कर्ट पहनती है इसकी सोच बिगड़ी हुई, चरित्रहीन समझना आपकी पिछड़ी हुई सोच को दर्शाता है।
5. मौसम के अनुरूप
बाज़ार में ऊनी, सूती, कॉटन, सिंथेटिक, पॉलिएस्टर, नेट हर तरह का कपड़ा मिलता है व्यक्ति अपनी इच्छा व मौसम के मुताबिक भी उनका चयन करता है। ऐसे में अगर कोई लंबा, छोटा, या किसी भी तरह का कपड़ा डाले यह उसपर निर्भर होता है तो औरत के कपड़ो को लेकर उसके चरित्र की बातें करना कहाँ की समझदारी है?