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वर्किंग वाइफ का पैसा कपल के सुरक्षित भविष्य के लिए ज़रूरी

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Swati Bundela
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जैसा कि हम सब जानते हैं कि वेलेंटाईन वीक चल रहा है। इस दौरान आपने काफी सारे ऐसे मीम या लोगों को कहते हुए सुना होगा कि "भई सभी बॉयफ्रेंड लोग की लगने वाली है।, " उनके खर्चे होने वाले हैं।" , " उनकी गर्लफ्रेंड्स उन्हें लूटने वाली है।" लेकिन ऐसा सिर्फ लड़कों के लिए ही क्यों? क्योंकि हमारे सोसायटी में लड़कियों को पैसे के पीछे भागने वाली और लड़कों को लड़कियों पर आंख बंद करके पैसा खर्च करने वाले के रूप में देखा जाता है। इस सोच को आगे बढ़ाने में सोशल मीडिया के मीम्स और कई हिंदी-पंजाबी सॉंग्स का भी अहम रोल है। (वर्किंग वाइफ होने के फायदें)

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अगर किसी रिलेशनशिप में लड़की लड़के के साथ आधा-आधा खर्च उठाती है या उस पर ज्यादा पैसा खर्च करती है तो उसे लाखों में एक माना जाता है लेकिन जब तक कोई अपनी आंखों से उस लड़की को ऐसा करते हुए ना देख ले तब तक उसे विश्वास भी नही होता।



एक अलग तरह का स्टीरीयोटाईप तब भी देखने को मिलता है जब कोई वाईफ पैसा कमाती है। सब हाउसवाइफ शब्द से इतना परिचित हो जाते हैं कि उन्हें वर्किंग वाइफ बोलने में और साथ ही सुनने में भी अजीब लगता है।
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पितृसत्तात्मक सोच महिलाओं को केवल अपने सहारे ही जिंदगी बिताते हुए देखना चाहती है



पैसा कौन नही कमाना चाहता लेकिन कमाने वाली महिलाओं से सोसाएटी को इतनी परेशानी हो जाती है कि वो महिलाओं को घर में ही रखना पसंद करते हैं। लेकिन कौन-सी ऐसी बाते हैं जो उन्हें महिलाओं को घर के कामों तक ही सीमित करना पड़ता है? मैं बताती हूं। उन्हें ये डर रहता है कि कहीं वो अपने पैरों पर खड़ी हो गई और फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट हो गई तो वो अपने पति को नही पूछेगी। क्योंकि हमारे समाज में तो यही दिखाया जाता है कि लड़कियां और महिलाएं अपने बॉयफ्रेंड और पति के साथ तभी खुश रहती है जब वो उन पर अच्छा-खासा पैसा खर्च करें। महिलाओं के प्यार का पैरामीटर ही पैसा बना दिया गया है। अब अगर कोई लड़की अपने शौक़ से भी कमाना चाहें तो भी ना कमा पाएं क्योंकि उसका कमाना इस बात का प्रमाण होगा कि उसका पति उसके शौक नही पूरे कर पा रहा है इसलिए वो खुद कमाने निकल गई।
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वर्किंग वाईफ डोमिनेटिंग नही बल्कि हेल्पिंग है (working wife hone ke fayde)



जिन घर में महिला या वाइफ वर्किंग होती है उन घर के मर्दों को कई तरह के कमेंट्स का सामना करना पड़ता है। जो ज्यादातर उनकी मर्दानगीं से जुड़े होते हैं। अब आप सोच रहे होंगें कि इसमें गलत क्या है? वही हम भी बताना चाहते हैं कि इसमें गलत कुछ नही है। कुछ गलत है तो उन लोगों की सोच जो ये सोचते हैं कि कमानें वाली औरतें अपने पति को दबा के रखती हैं। अगर पार्टनर्स साथ मिलकर कमाते हैं को एक तरह से वो एक-दूसरे की हेल्प करते हैं। आज के इस महंगाई के ज़मानें में एक पार्टनर के कमाने से फाईनेंशियली औऱ बच्चों का करियर अच्छे ढंग से मेनेज़ नही हो सकता। इससे दोनों पार्टनर वर्क कल्चर के बर्डन से परिचित होते हैं। उन्हें पता होता है कि ऑफिस का कितना वर्क प्रशर होता है तो दोनों लोग एक-दूसरे के प्रेशर को कम करने की कोशिश करते हैं। इसका एक और फायदा है कि महिलाएं अपने पतियों पर एक बोझ की तरह नही लगती। (वर्किंग वाइफ होने के फायदें)
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वर्किंग वाइफ का पैसा दोनो पार्टनर के सेफ फ्यूचर के लिए है ना कि सिर्फ अपने लिए



पत्नियों का पैसा कमाना माना जाता है कि वो केवल अपने शौक़ पूरे करने के लिए कमा रही है जो उसके पति द्वारा पूरे नही किए जा रहे। लेकिन ये गलत है। महिलाओं का अपने फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में सोचना बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि मर्दों का अपने बारे में सोचना। उनके कमाने का मोटिव होता है कि वो अपने रिश्ते को लंबे समय के लिए सेफ बना सके। अपने बच्चों का फ्यूचर और बेहतर बना सके और साथ ही अपनी स्किल्स व शौक पूरे शौक के साथ पूरे कर सके।
सोसाइटी करियर रिलेशनशिप वर्किंग वाइफ होने के फायदें
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