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'ये जवानी है दीवानी' है। अयान मुखर्जी द्वारा डिरेक्टेड ये फिल्म ऐसे अलग-अलग टॉपिक्स के बारे में बताती है जो आज के टाइम पे हम योंग्सटर्स सबसे ज़्यादा फील करते हैं जैसे रिलेशनशिप्स, रोमांस, एम्बिशन के साथ साथ सबसे ज़रूरी चीज़, दोस्ती।
मेरे पापा मुझसे हमेशा कहते हैं की दोस्ती हो तो जय-वीरू की तरह, बिलकुल प्योर, बिना किसी धोके वाली। तो अब उनकी बात पे में भी हमेशा नैना और अदिति का नाम भी लेने लगी हूँ। जबकि कल्की केकलां (अदिति) को एक ऐसी लड़की के रूप में दिखाया गया है जो अपनी ज़िन्दगी को पूरी तरह जीती है, जिससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली, लेकिन मैं खुद को दीपिका पादुकोण (नैना ) की तरह भी मानती हूँ जिसने अपने मुकाम तक पहुँचने के लिए तब तक स्ट्रगल किया और खुद को तब तक क्वेश्चन किया जब तक उसे खुद से प्यार नहीं हो गया।
हम में से बहुत लोगों के पास बिलकुल अलग पर्सनालिटी वाले दोस्त होते हैं जिनके साथ हमारा रिश्ता सबसे अच्छा होता है। आप जैसे हैं वैसे रहते हैं और दूसरे जो आपसे बिलकुल अलग हैं आप उनकी भी रेस्पेक्ट करते हैं, यही सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है।
और पढ़िए: फिल्म ये जवानी है दीवानी ने करे 7 साल पूरे ; आइये देखें क्या सिखाती है ये फिल्म
एक अनएक्सपेक्टेड बॉन्ड
सोचिये किसी स्कूल के जानकार से किराने की दूकान पे मिलना और क्यूंकि अपने उनसे कभी इतनी बात नहीं की तो आप उनके बारे में जानना चाहेंगे गए ना, की वो कैसे हैं , क्या कर रहे हैं ? बस, यही से शुरू होती है ये फिल्म ।अदिति नैना को बताती हैं की वो अवि और बनी के साथ कैसे एक ट्रिप पे जा रही हैं, जो कि उस बहुत पढ़ाकू बायोलॉजी स्टूडेंट के अंदर छिपी हुई फ्री स्पिरीटेड लड़की को ट्रिगर करती है।
वह उनके साथ ट्रेकिंग ट्रिप में शामिल हो जाती है और फिर वहां वो खुद को समझती है और अपने आप से प्यार करने लगती है। फिर सीधा 8 साल बाद, नैना अदिति की शादी में दुल्हन की सबसे अच्छी दोस्त बनके आती है और और वह बताती है कि उसने कैसे वो सब देखा जो अदिति ने सहा है। इस तरह एक अनएक्सपेक्टेड दोस्ती एक लिफेलॉन्ग बॉन्ड बन जाती है।
हमेशा एक-दूसरे के साथ रहना
ज़्यादातर, हम दोस्तों से सिर्फ 'तुम ठीक हो?' सुनके ही ठीक हो जाती हैं। अदिति अवि को अपनी फीलिंग के बारे में बता बता के बहुत थक चुकी थी । होली के सेलिब्रेशन के बाद जब नैना अदिति को देखती है, तो सबसे पहले वह उससे पूछती है, "तुम ठीक हो?", जो बताता है कि कैसे वह सब जानती थी कि अदिति क्या महसूस करती है। आठ साल की दोस्ती दर्शाती है कि वो हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे जबकि बनी ने ग्रुप से खुद को दूर किया और अभी ने जुए और शराब की डॉट दाल ली थी। इसके अलावा, जब बनी उदयपुर को घूमने के लिए शादी से भागने का फैसला करता है, तो यह नैना ही होती है जो उसे मना लेती है क्योंकि वो चाहती है कि अदिति खुश रहे। ये सिर्फ बेस्ट फ्रेंड ही कर सकता है।
और पढ़िए: बॉलीवुड की पक्की सहेलियां : यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
डिफरेंसेस को रेस्पेक्ट करना
नैना वह पढ़ाकू लड़की है जो सभी "कूल " लोगों को देखती है और उनके जैसा बनना चाहती है। दूसरी ओर, अदिति एक बहुत ही क्रेजी लड़की है जो अपनी ज़िन्दगी को पूरी तरह जीती है। इतना अलग होने के बाद भी, ये देख के बहुत अच्छा लगता है कि वो एक दूसरे से इतने जुड़े हुए हैं। चाहे ट्रिप पे डांस करना हो, मस्ती करनी हो, या अदिति की शादी में, जब वो अलग अलग पोज़ में फोटो खिचवाते हो, उनका बॉन्ड हमेशा प्योर लगा है।
फिल्म के सभी टॉपिक्स में से, इनकी दोस्ती से में सबसे ज़्यादा खुश हुई।
मेरे पापा मुझसे हमेशा कहते हैं की दोस्ती हो तो जय-वीरू की तरह, बिलकुल प्योर, बिना किसी धोके वाली। तो अब उनकी बात पे में भी हमेशा नैना और अदिति का नाम भी लेने लगी हूँ। जबकि कल्की केकलां (अदिति) को एक ऐसी लड़की के रूप में दिखाया गया है जो अपनी ज़िन्दगी को पूरी तरह जीती है, जिससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली, लेकिन मैं खुद को दीपिका पादुकोण (नैना ) की तरह भी मानती हूँ जिसने अपने मुकाम तक पहुँचने के लिए तब तक स्ट्रगल किया और खुद को तब तक क्वेश्चन किया जब तक उसे खुद से प्यार नहीं हो गया।
हम में से बहुत लोगों के पास बिलकुल अलग पर्सनालिटी वाले दोस्त होते हैं जिनके साथ हमारा रिश्ता सबसे अच्छा होता है। आप जैसे हैं वैसे रहते हैं और दूसरे जो आपसे बिलकुल अलग हैं आप उनकी भी रेस्पेक्ट करते हैं, यही सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है।
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एक अनएक्सपेक्टेड बॉन्ड
होली के सेलिब्रेशन के बाद जब नैना अदिति को देखती है, तो सबसे पहले वह उससे पूछती है, "तुम ठीक हो?", जो बताता है कि कैसे वह सब जानती थी कि अदिति क्या महसूस करती है
सोचिये किसी स्कूल के जानकार से किराने की दूकान पे मिलना और क्यूंकि अपने उनसे कभी इतनी बात नहीं की तो आप उनके बारे में जानना चाहेंगे गए ना, की वो कैसे हैं , क्या कर रहे हैं ? बस, यही से शुरू होती है ये फिल्म ।अदिति नैना को बताती हैं की वो अवि और बनी के साथ कैसे एक ट्रिप पे जा रही हैं, जो कि उस बहुत पढ़ाकू बायोलॉजी स्टूडेंट के अंदर छिपी हुई फ्री स्पिरीटेड लड़की को ट्रिगर करती है।
वह उनके साथ ट्रेकिंग ट्रिप में शामिल हो जाती है और फिर वहां वो खुद को समझती है और अपने आप से प्यार करने लगती है। फिर सीधा 8 साल बाद, नैना अदिति की शादी में दुल्हन की सबसे अच्छी दोस्त बनके आती है और और वह बताती है कि उसने कैसे वो सब देखा जो अदिति ने सहा है। इस तरह एक अनएक्सपेक्टेड दोस्ती एक लिफेलॉन्ग बॉन्ड बन जाती है।
हमेशा एक-दूसरे के साथ रहना
ज़्यादातर, हम दोस्तों से सिर्फ 'तुम ठीक हो?' सुनके ही ठीक हो जाती हैं। अदिति अवि को अपनी फीलिंग के बारे में बता बता के बहुत थक चुकी थी । होली के सेलिब्रेशन के बाद जब नैना अदिति को देखती है, तो सबसे पहले वह उससे पूछती है, "तुम ठीक हो?", जो बताता है कि कैसे वह सब जानती थी कि अदिति क्या महसूस करती है। आठ साल की दोस्ती दर्शाती है कि वो हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे जबकि बनी ने ग्रुप से खुद को दूर किया और अभी ने जुए और शराब की डॉट दाल ली थी। इसके अलावा, जब बनी उदयपुर को घूमने के लिए शादी से भागने का फैसला करता है, तो यह नैना ही होती है जो उसे मना लेती है क्योंकि वो चाहती है कि अदिति खुश रहे। ये सिर्फ बेस्ट फ्रेंड ही कर सकता है।
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इतना अलग होने के बाद भी, ये देख के बहुत अच्छा लगता है कि वो एक दूसरे से इतने जुड़े हुए हैं।
डिफरेंसेस को रेस्पेक्ट करना
नैना वह पढ़ाकू लड़की है जो सभी "कूल " लोगों को देखती है और उनके जैसा बनना चाहती है। दूसरी ओर, अदिति एक बहुत ही क्रेजी लड़की है जो अपनी ज़िन्दगी को पूरी तरह जीती है। इतना अलग होने के बाद भी, ये देख के बहुत अच्छा लगता है कि वो एक दूसरे से इतने जुड़े हुए हैं। चाहे ट्रिप पे डांस करना हो, मस्ती करनी हो, या अदिति की शादी में, जब वो अलग अलग पोज़ में फोटो खिचवाते हो, उनका बॉन्ड हमेशा प्योर लगा है।
फिल्म के सभी टॉपिक्स में से, इनकी दोस्ती से में सबसे ज़्यादा खुश हुई।