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फिल्म ये जवानी है दीवानी की जब बात आती है तो हम याद करते हैं नैना को, बनी उर्फ कबीर को, अदिति को और अवि को और इन चारों की दोस्ती को। जब वी मेट के बाद अगर कोई फ़िल्म मेरे दिल को ऐसे छू पायी है तो वो है ये जवानी है दीवानी।
मुझे लगता है कि हर फिल्म में उसके किरदार उसे अच्छी या बुरी फिल्म बनाते हैं। और वैसे ही हुआ फिल्म ये जवानी है दीवानी में ।
हमें पूरी फिल्म में ऐसा लगा कि अरे ये बनी या नैना या अदिति, मैं हूँ। मैं भी ऐसी ही तो हूं और जिस फिल्म में हमें किरदारों से प्यार होजाये वो फिल्म ही सफल होती है। आइये देखें हमें फिल्म ये जवानी है दीवानी हंसते हंसते क्या क्या सिखा गयी.
नैना जैसी थी उसमें खुश थी
हमने शुरुआत से देखा स्कॉलर नैना को जो पढ़ाकू थी, चश्मा लगाती थी, मेडिकल की स्टूडेंट थी और बहुत कम बोलती थी पर इस सब से एक ब्रेक लेने के लिए मनाली जाने का अचानक से फैसला किया ये दिखता है कि वो ये सब थी पर इन सबसे ज़्यादा वो कॉन्फिडेंट थी।
उसको सबकी परवाह थी पर किसी के कहने से वो खुद को बदलने की नही सोचती थी। वो अपने व्यूज़ अलग होने के बावजूद लोगों के सामने रखने में डरती नही थी।
अदिति अपनी खुशी कहाँ है जानती थी
अदिति अवि से प्यार करती थी पर जब उसे पता चला की अवि वैसा नही सोचता तो वो टूटी नहीं बल्कि उसने ये एक्सेप्ट किया और आगे बढ़ी।
बनी ने बताया कि अपने कम्फर्ट जोन से निकलना बहुत ज़रूरी है
बनी कहता है कि "कहीं पर पहुंचने के लिए कहीं से निकलना बहुत ज़रूरी है।"
हमेशा आज में जीना चाहिए
नैना बनी से जब कहती है कि कुछ ना कुछ तो छूटेगा ही। ज़िन्दगी में सब कुछ नहीं मिल सकता तो हमें महसूस होता है कि हां ज़िन्दगी का पूरा मज़ा लेने के लिए हमेशा हमें आज पर अभी पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए ना कि उसपर जो छूट गया या आगे आएगा।
सपने अलग अलग हो सकते हैं पर किसी का सपना कम नहीं होता
बनी जब नैना से कहता है कि उसे अभी इंडिया से बाहर जाना है और बाहर ही काम करना है तो नैना कहती है कि उसे इंडिया में रहकर ही काम करना है।
नैना बनी को समझाती है कि दोनों के अपने अपने सपने हैं जो वो पूरा करना चाहते हैं और सपने छोटे या बड़े नही होते।
Pic Credits- DNA India
और पढ़िए- अनुष्का शर्मा के अभी तक के करियर की 5 बेस्ट फिल्म
मुझे लगता है कि हर फिल्म में उसके किरदार उसे अच्छी या बुरी फिल्म बनाते हैं। और वैसे ही हुआ फिल्म ये जवानी है दीवानी में ।
हमें पूरी फिल्म में ऐसा लगा कि अरे ये बनी या नैना या अदिति, मैं हूँ। मैं भी ऐसी ही तो हूं और जिस फिल्म में हमें किरदारों से प्यार होजाये वो फिल्म ही सफल होती है। आइये देखें हमें फिल्म ये जवानी है दीवानी हंसते हंसते क्या क्या सिखा गयी.
नैना जैसी थी उसमें खुश थी
हमने शुरुआत से देखा स्कॉलर नैना को जो पढ़ाकू थी, चश्मा लगाती थी, मेडिकल की स्टूडेंट थी और बहुत कम बोलती थी पर इस सब से एक ब्रेक लेने के लिए मनाली जाने का अचानक से फैसला किया ये दिखता है कि वो ये सब थी पर इन सबसे ज़्यादा वो कॉन्फिडेंट थी।
उसको सबकी परवाह थी पर किसी के कहने से वो खुद को बदलने की नही सोचती थी। वो अपने व्यूज़ अलग होने के बावजूद लोगों के सामने रखने में डरती नही थी।
अदिति अपनी खुशी कहाँ है जानती थी
अदिति अवि से प्यार करती थी पर जब उसे पता चला की अवि वैसा नही सोचता तो वो टूटी नहीं बल्कि उसने ये एक्सेप्ट किया और आगे बढ़ी।
उसने अपना साथी तरन में चुना जो उससे बहुत प्यार करता था। भले ही तरन अवि की तरह नहीं था पर अदिति उसे उतना ही प्यार देती है और सिखाती है कि लुक्स ही सब कुछ नही होते।
बनी ने बताया कि अपने कम्फर्ट जोन से निकलना बहुत ज़रूरी है
बनी कहता है कि "कहीं पर पहुंचने के लिए कहीं से निकलना बहुत ज़रूरी है।"
अपने कम्फर्ट जोन में हमें कुछ भी अलग नही मिलेगा इसलिए हमेशा हमें नई चीज़ें एक्स्प्लोर करते रहनी चाहिए ताकि हम अपनी ज़िंदगी मे किसी मुकाम पर पहुंच सकें।
हमेशा आज में जीना चाहिए
नैना बनी से जब कहती है कि कुछ ना कुछ तो छूटेगा ही। ज़िन्दगी में सब कुछ नहीं मिल सकता तो हमें महसूस होता है कि हां ज़िन्दगी का पूरा मज़ा लेने के लिए हमेशा हमें आज पर अभी पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए ना कि उसपर जो छूट गया या आगे आएगा।
सपने अलग अलग हो सकते हैं पर किसी का सपना कम नहीं होता
बनी जब नैना से कहता है कि उसे अभी इंडिया से बाहर जाना है और बाहर ही काम करना है तो नैना कहती है कि उसे इंडिया में रहकर ही काम करना है।
नैना बनी को समझाती है कि दोनों के अपने अपने सपने हैं जो वो पूरा करना चाहते हैं और सपने छोटे या बड़े नही होते।
Pic Credits- DNA India
और पढ़िए- अनुष्का शर्मा के अभी तक के करियर की 5 बेस्ट फिल्म