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निर्भया केस के इतने सालों बाद भी क्यों नहीं है लड़कियां सुरक्षित

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Swati Bundela
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बात जब भी महिलाओं की सुरक्षा की आती है तो सभी लोग बहुत सोच में पड़ जाते है की दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित है भी या नहीं और तो और खासकर दिल्ली जैसे शहर में । दिल्ली में निर्भया केस को बीते सात साल हो चुके ढेरो सुनवाइयों और कोर्ट हेअरिंग्स में फैसले सामने आने के बाद भी अब तक दोषियों को फाँसी की सजा नहीं मिली है । इतने क्लियर जजमेंट के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया है । तो हमारा चैनल शीदपीपल टीवी आपके सामने लाया है दिल्ली की कुछ महिलाओं के विचार उनकी दिल्ली में सुरक्षा पर सबके सामने लाये ।

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लड़कियों के विचार



लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा सुमन का कहना है की वो कहीं भी जाती है उनके आस-पास ऐसे बहुत से लड़के हैं जो बस बेमतलब उनको घूरते रहते है और रुकते भी नहीं हैं । एक और छात्रा अनुष्का का कहना है की दिल्ली आकर पढ़ने में उनके माता -पिता की चिंता का मुख्य कारण था उनकी सुरक्षा।  लेडी श्री राम कॉलेज की ही छात्रा वत्सला का कहना हैं की उन्हें घर निकलने से पहले अपने बहुत से सिक्योरिटी मैज़र्सअपनाने पड़ते हैं जैसे की उन्हें अपने माता -पिता को बताकर जाना पड़ता हैं की वो कहाँ जा रही है, कितनी देर के लिए जा रही हैं और उन्हें अपनी लोकेशन अपडेट करनी पड़ती हैं ।

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एलएसआर कॉलेज की छात्रा सुरभि का कहना है की दिल्ली सरकार हमे मेट्रो में रिजर्वेशन दे रही हैं जो हमे नहीं चाहिए, हमे बस इज़्ज़त चाहिए ना की परेफरेंस। हम लड़को के बराबर हैं उनसे कम नहीं हैं, हम बस इक्वलिटी चाहते हैं ।

छात्रा आयुषी का कहना है की माता -पिता लड़कियों पर सारी पाबंदियाँ लगाते है की यहाँ मत जाओ , लड़को से बात मत करो पर कोई लड़को से तो कुछ नहीं कहता । लड़को को लड़कियों के मुकाबले ज़्यादा आज़ादी दी जाती हैं ।

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सुरक्षा है सबका अधिकार



जैसा की हमने ऊपर भी पढ़ा की लड़किया सिर्फ और सिर्फ इक्वलिटी और थोड़ा सा सम्मान चाहती है । वो इजाज़त चाहती हैं अपने सपनो को पूरा करने की । आज निर्भया रेप केस के सात साल बाद भी हम उसके माता -पिता से नज़रे मिलाकर यह नहीं कह सकते की हमारा भारत सेफ है और उनकी बेटी को न्याय मिलेगा। कोर्ट की जजमेंट और फैसला आने के बाद भी हम नहीं जानते की निर्भया को न्याय कब मिलेगा । सात सालों में हम नहीं जानते की ऐसी कितनी और निर्भया असुरक्षा की बलि चढ़ गई और क्यों क्योंकि हमारे देश में इसके लिए कोई सख्त क़ानून नहीं हैं । आज भी इतने समय बाद कोई लड़की यह नहीं कह सकती की वो अपने इस भारत देश में महसूस है क्योंकि उसे हर समय डर लगता है की पता नहीं किस राह पर उसके साथ क्या हो जाए और फिर उसे इन्साफ मिलेगा भी या नहीं ।
#फेमिनिज्म
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