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The Lancet रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल द्वारा किए गए एक शोध अध्ययन में, 18 से 20 वर्ष के आयु वर्ग में यूएस मरीन कॉर्प्स के लगभग 3,000 स्वस्थ व्यक्तियों पर नजर रखी गई। इसी अवधि में उनको 2 हफ़्तों के लिए बिना निगरानी के क्वारंटाइन में रखा गया और फिर 2 हफ़्तों के लिए निगरानी में क्वारंटाइन रखा गया। एक एंटीबॉडी टेस्ट किया इन लोगों पर यह जान ने के लिए की इनमें से कितनो को पहले COVID -19 से संक्रमित हो चुके हैं ओर किनमे एंटी बॉडीज बन गयी हैं। उन्हें नए COVID -19 संक्रमण के लिए टेस्ट किया गया क्वारंटाइन समय के पहले और बाद में दोनों बार।
यह पता चला कि 189 भर्तियां COVID-19 द्वारा पूर्व में संक्रमित पायी गई थीं और उनमें से 19 अध्ययन अवधि के दौरान पुन: संक्रमित हो गईं। 2,247 प्रतिभागियों में से 1,079 का मतलब है कि उनमें से 50% ने पहली बार वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। भले ही अध्ययन के प्रतिभागी स्वस्थ थे, ज्यादातर पुरुष, और मरीन भर्ती के लायक थे, शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के रिजल्ट कई युवा लोगों पर लागू होते हैं।
युवाओं को दुबारा Covid -19 संक्रमण हो सकता है :
अध्ययन में रीइन्फेक्शन दरों से यह पता चला है की पहले के COVID-19 सकारात्मक व्यक्तियों में उत्पन्न एंटीबॉडी वायरस से बचने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए जरूरी है कि युवाओं का वेक्सिनेशन हो। अमेरिका के माउंट सिनाई में इकाॅन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने भी इसके लिए जोर दिया। संस्थान में शोधकर्ताओं ने वेक्सिनेशन को आवश्यक बताया है, ताकि पुन: संक्रमण को रोका जा सके और सबसे महत्वपूर्ण रूप से वायरस के फैलने को कम किया जा सके।
आइकॉन स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर स्टुअर्ट सीलफॉन ने कहा, "जैसा कि वैक्सीन रोल आउट जारी है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एक पूर्व COVID -19 संक्रमण के बावजूद, युवा लोग वायरस से फिर से संक्रमित हो सकते हैं और इसे दूसरों तक भी पहुंचा सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि पिछले संक्रमण से प्रतिरक्षा की गारंटी नहीं है, और अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने वाले वेक्सिनेशन अभी भी उन लोगों के लिए आवश्यक हैं जिनको COVID-19 हो चूका है। 2020 में मई और नवंबर के बीच किए गए Lancet अध्ययन ने आगे दिखाया कि कैसे रैनफेक्शन बिना सिम्पटम्स के हो सकते हैं। 19 भर्तियों में से जो दूसरी बार संक्रमित हुए, उनमें से 16 (84 प्रतिशत) बिना सुम्प्टम्स वाले थे।