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मरलेना से शुरुआत से ही पब्लिक पालिसी में अपनी रुचि रखी। वो एक रोड्स स्कॉलर हैं और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी हुई हैं। उनका ये मानना है कि लोगों का ये जानना बहुत आवश्यक है कि उनकी पार्टी ने स्वास्थ्य और शिक्षा स्थर पे क्या किया है।
आआतिशी के अनुसार “मैं यह नहीं चाहती कि आप मुझे इसलिए वोट करें क्योंकि मैं ऑक्सफोर्ड या एक रोड स्कॉलर हूँ । मैं चाहती हूं कि आप मेरे लिए वोट करें क्योंकि मेरे अलावा जो नेता आते हैं वह यह कहते हैं कि हम आपके लिए कुछ करेंगे पर मैं आपसे वोट इसलिए मांग रही हूँ क्योंकि मैंने कार्य किया फिर मैं आपके पास आई। इसलिए अगर आप मेरा चुनाव करते हैं, तो मैं संसद जाके आपके लिए बहुत कुछ कर सकती हूं”
ध्यान रखने वाली बातें
1. आतिशी मरलेना पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ेंगी
2. वो एक रोडेज स्कॉलर हैं और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा रह चुकी हैं
3. ये आप की पोलिटिकल अफेयर्स की सदस्य हैं और पार्टी की स्पोक्सपर्सन चुनी गई 2013 मे
4. महिलाओं के लिए आरक्षण ज़रूरी है क्योंकि पिछड़े वर्ग के लोगों को ऊपर आने में दिक्कत होती है।
आआतिशी के अनुसार “मैं यह नहीं चाहती कि आप मुझे इसलिए वोट करें क्योंकि मैं ऑक्सफोर्ड या एक रोड स्कॉलर हूँ । मैं चाहती हूं कि आप मेरे लिए वोट करें क्योंकि मेरे अलावा जो नेता आते हैं वह यह कहते हैं कि हम आपके लिए कुछ करेंगे पर मैं आपसे वोट इसलिए मांग रही हूँ क्योंकि मैंने कार्य किया फिर मैं आपके पास आई। इसलिए अगर आप मेरा चुनाव करते हैं, तो मैं संसद जाके आपके लिए बहुत कुछ कर सकती हूं” - आतिशी मरलेना
जब उनसे पूछा गया कि वह राजनीति में क्यों आयी या लोकल गवर्निंग संस्थाओं के साथ काम क्यों नहीं किया, तो उन्होंने कहा “मैंने चुनाव लड़ने के पहले काफ़ी सालो तक इनके साथ काम किया और पार्टी में योगदान दिया, पर मुझे ये समझ आगया की सिर्फ राज्य मंत्री बनना ज़रूरी नहीं, संसद में बैठना आवश्यक है”।
पोलिटिकल अफेयर्स कमिटी की सदस्य और पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ने के साथ साथ 2013 में इन्हें पार्टी का स्पोक्सपर्सन बनाया गया। जब उनसे पूछा गया कि आखिर उन्हें लोक सभा चुनाव लड़ने का मौका क्यों मिला तो उन्होंने कहा कि “ शायद मेरे काम की वजह से ये सब हुआ, सरकारी स्कूल को लेकर शहर के इरादे को बदलना। पार्टी का ध्यान इस बात योई है कि वो अलग अलग तरह के लोगों को चुनाव लड़ाए जो कि आम राजनिती से हटके है। पर ये पार्टी की मंजूरी है कि उन्हें किसको टिकट देनी है”।
इनका यह भी कहना है की सांसद में ज्यादा से ज्यादा महिला नेता होनी चाहिए ताकि वह महिलाओं की स्थिति समझ पाये। ऐसा नही है कि पुरुषों को इस बात का ज्ञात नहीं है पर उन्हें इस बारे में कम पता है। बहुत सारी बातों पे ध्यान देना ज़रूरी है जैसे शिक्षा, सुरक्षा, रोज़गार। इन सबको आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं का नेतृत्व करना ज़रूरी है। जब ये सब एक साथ कोई निर्णय लेगी तो इस संख्या का कल्याण होगा। ये इसलिए भी आवश्यक है क्योंकी पिछड़े वर्ग के लोगोँ के लिए यहाँ आके इसमें भाग लेना मुश्किल है।