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आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (ऐआई) और उससे जुड़े महिला पक्षपात

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Swati Bundela
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जो ऐआई की सबसे बड़ी समस्या है वह उसका अल्गोरिथम है। यह एक कूड़ा-कचरा लेने वाली और उसी कूड़े-कचरे को बाहर फेकने वाली मशीन की तरह काम करता है। हम जो अल्गोरिथम इसमें डालते हैं, वे मौजूदा पक्षपात से भरे होते हैं जो आगे जाकर आत्म-निर्भर हो जाते हैं।


देखा जाये तो तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की गिनती बिलकुल न के बराबर है। और जो संघठन एक पुरुष-प्रधान संघठन होगा वह महिलाओं के अल्गोरिथम को बिकुल अस्वीकार कर देगा। वह इसलिए क्यूंकि वह अलगोरिथम पुराने मॉडल में फिट नहीं होगा। अपराध आदि के क्षेत्र में, यह अल्गोरिथम ऐतिहासिक और सामाजिक पक्षपात को आगे बढ़ा कर इसकी मदद कर रहा हैं।
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अगर बात पश्चिमी देशों की हो, तो यह देखा जा सकता है कि पश्चिमी देख काफी पहले से खुद को तकनिकी स्तर पर मज़बूत कर चुके हैं। लेकिन भारत में ऐआई को तकनीक का केंद्र अभी ही बनाया गया है। इसके साथ ही, महिलाओं को हर क्षेत्र में प्रतिनितिध्व का मौका काफी कम मिला है जिसके चलते काफी कम डाटा उपस्थित है और जो है वह काफी खराब क्वालिटी का है। अगर हम इसी तरह से बिना पक्षपात का डाटा फीड नहीं करेंगे, तो सम्भावना है कि यह और आगे बड़ जाये। खराब क्वालिटी के डाटा की वजह से जो रिजल्ट आता है, वह भी अप्रत्याशित होता है।

लेकिन ऐआई अपने में कोई खराब साधन नहीं है। अगर निर्णय लेने की बात हो, तो यह लोगों से अच्छा साधन साबित हो सकता है। यह कभी थकता नहीं। तो फिर अब हमे क्या करना चाहिए?
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कुछ ही समय में हमे कुछ ऐसे मानक और टेस्ट तैयार करने होंगे जो पक्षपात को पहचान सकें और उसके खिलाफ काम कर सकें। साथ ही, यह सब बातें लोगों को स्वतंत्र रूप से सहमत कर सकें।


आज कल लड़कियों को तकनीकी क्षेत्र में लाने के लिए काफी प्रयास किये जा रहें हैं। उन्हें स्टेम सब्जेक्ट्स लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और उन क्षेत्रों में कदम रखने के लिए उत्सुक किया जा रहा है जो हमेशा से पुरुष-प्रधान रहे हैं। लेकिन यह प्रक्रिया अपना असर धीरे-धीरे ही दिखाएगी। और तब तक हमारे लिए यह खतरा है कि जिन चीज़ों का परिक्षण हम अभी कर रहें हैं वह आगे चलकर पक्षपात से भरी होंगी।
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लड़कियों के लिए चलाये जाने वाले सारे कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन सबसे पहले हमे यह जांच करने की ज़रूरत है कि आज की तकनीकें भविष्य में महिलाओं के लिए कोई परेशानियां तो नहीं खड़ी करेंगी। इसलिए, ज़रूरी है कि हर तकनीक का निर्माण भविष्य में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखकर किया जाये।
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इंस्पिरेशन #अल्गोरिथम #ऐआई #तकनीक #स्टेम सब्जेक्ट्स
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