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। हर साल की तरह जनसैलाब राजपथ पर एकत्रित हुआ और लोंगो के द्वारा किये गए एक साल के मेहनत को देखा। इस साल के मुख्य अतिथि साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा थे। इस गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार कुछ नयी बातें हमारे सामने आई जोकि नारी शशक्तिकरण पे थी।
परेड की खासियत
इस बार परेड की सबसे बड़ी खासियत ये है कि पहली बार निर्मला सीतारमण ने एक महिला रक्षा मंत्री ने परेड में आकर महिला शशक्तिकरण का ऐतिहासिक उदाहरण दिया। और इसी के साथ काफी जगह महिलाओं ने अपनी जगह शशक्त की। इस बार काफी सेना की टुकड़ियां महिलाएं के नेतृत्व के नीचे थी। ऐसा पहली बार हुआ कि की काफ़ी संख्या में महिलाओं ने परेड में हिस्सा लिया।
असम की महिला टुकड़ी
असम राइफल कॉन्टिनगेंट की महिला टुकड़ी ने आज इतिहास दर्ज किया । ये असम की पहली ऐसी महिला टुकड़ी है जिन्होंने परेड में हिस्सा लिया। इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया जो कि 30 साल की है और एक बच्चे की माँ हैं। इनका जन्म राजहस्थान में हुआ और इनके पिता एक बस कंडक्टर है और उनके अनुसार अगर उन्होंने अपने जीवन में किया है तो कोई भी महिला अपने जीवन में कुछ भी कर सकती है।
कैप्टन शिखा सुरभि के करतब
पहली बार आर्मी सर्विस कॉर्प्स की वो टुकड़ी जिसमें पुरुष बाइक पे कमाल की करतब बाज़ी कर सबको चौका देते है, एक महिला ने इनका साथ दिया और मुख्य अतिथि को सलाम दिया। कैप्टन शिखा सुरभि डेर डेविल्स की पहली महिला बानी जिन्होंने परेड में हिस्सा लिया। वो शुरूआत से बाइक चलाने की शौकीन थी और 15 साल की उम्र से ही ये करती आ रही है। आर्मी में आने के बाद इनपे अटूट भरोसा कर इन्हें बुलेट पर ये करतब दिखाने का मौका मिला। झारखंड से आई 28 वर्षीय शिखा लेह लदाख तक जा चुकी हैं और फिलहाल चंडीगढ़ में पोस्टेड है।
नेवी की अम्बिका सुधाकरण, आर्मी की भावना कस्तूरी एवं भावना स्याल
इस बार 144 लोगों के नेवी के टुकड़े को लुटिनान्त अम्बिका सुधाकरण ने संभाला और लुटिनान्त भावना कस्तूरी ने इंडिया आर्मी सर्विस कॉर्प्स की टुकड़ी संभाली। कैप्टन भावना स्याल जिन्होंने साल 2016 में आर्मी में अपने पैर रखे, उन्होंने ट्रांस्पोर्टेबल सर्विस कॉर्प्स के सैटेलाइट टुकड़ी का नेतृत्व किया।
ईस साल के बाद आशा है कि हर साल महिलाओं के लिए गणतंत्र दिवस के परेड में एम खास जगह बानी रहे और महिला शशक्तिकरण के नए नए उदाहरण हमारे सामने लाये जाए।
परेड की खासियत
इस बार परेड की सबसे बड़ी खासियत ये है कि पहली बार निर्मला सीतारमण ने एक महिला रक्षा मंत्री ने परेड में आकर महिला शशक्तिकरण का ऐतिहासिक उदाहरण दिया। और इसी के साथ काफी जगह महिलाओं ने अपनी जगह शशक्त की। इस बार काफी सेना की टुकड़ियां महिलाएं के नेतृत्व के नीचे थी। ऐसा पहली बार हुआ कि की काफ़ी संख्या में महिलाओं ने परेड में हिस्सा लिया।
असम की महिला टुकड़ी
असम राइफल कॉन्टिनगेंट की महिला टुकड़ी ने आज इतिहास दर्ज किया । ये असम की पहली ऐसी महिला टुकड़ी है जिन्होंने परेड में हिस्सा लिया। इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया जो कि 30 साल की है और एक बच्चे की माँ हैं। इनका जन्म राजहस्थान में हुआ और इनके पिता एक बस कंडक्टर है और उनके अनुसार अगर उन्होंने अपने जीवन में किया है तो कोई भी महिला अपने जीवन में कुछ भी कर सकती है।
कैप्टन शिखा सुरभि के करतब
पहली बार आर्मी सर्विस कॉर्प्स की वो टुकड़ी जिसमें पुरुष बाइक पे कमाल की करतब बाज़ी कर सबको चौका देते है, एक महिला ने इनका साथ दिया और मुख्य अतिथि को सलाम दिया। कैप्टन शिखा सुरभि डेर डेविल्स की पहली महिला बानी जिन्होंने परेड में हिस्सा लिया। वो शुरूआत से बाइक चलाने की शौकीन थी और 15 साल की उम्र से ही ये करती आ रही है। आर्मी में आने के बाद इनपे अटूट भरोसा कर इन्हें बुलेट पर ये करतब दिखाने का मौका मिला। झारखंड से आई 28 वर्षीय शिखा लेह लदाख तक जा चुकी हैं और फिलहाल चंडीगढ़ में पोस्टेड है।
नेवी की अम्बिका सुधाकरण, आर्मी की भावना कस्तूरी एवं भावना स्याल
इस बार 144 लोगों के नेवी के टुकड़े को लुटिनान्त अम्बिका सुधाकरण ने संभाला और लुटिनान्त भावना कस्तूरी ने इंडिया आर्मी सर्विस कॉर्प्स की टुकड़ी संभाली। कैप्टन भावना स्याल जिन्होंने साल 2016 में आर्मी में अपने पैर रखे, उन्होंने ट्रांस्पोर्टेबल सर्विस कॉर्प्स के सैटेलाइट टुकड़ी का नेतृत्व किया।
ईस साल के बाद आशा है कि हर साल महिलाओं के लिए गणतंत्र दिवस के परेड में एम खास जगह बानी रहे और महिला शशक्तिकरण के नए नए उदाहरण हमारे सामने लाये जाए।