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दवाइयों का कम इस्तमाल करें
पीरियड्स में दर्द होना, चिड़चिड़ाहट होना, आदि स्वाभाविक है। लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप हर महीने दवाइयां लेना शुरू कर दें। दवाइयों का सेवन तब करें, जब आपसे दर्द बिलकुल बर्दाश न हो रहा हो। ऐसी परिस्तिथियों में किसी प्रसूतिशास्री के पास जाना और उनसे अपनी समस्या का हल लेना, एक अच्छा उपाय है।
कम वर्कआउट करें
अपनी दैनिक दिनचर्या में वर्कआउट करना स्वास्थ के लिए काफी सेहतमंद होता है। लेकिन एहतियात के तौर पर कोशिश करें कि आप इन दिनों थोड़ा कम वर्कआउट करें। अपने शरीर को कुछ आराम देना इस समय ज़रूरी होता है। आप चाहें तो इन दिनों योग कर सकतीं हैं और ध्यान लगाना तो सेहत के लिए काफी अच्छा है।
शरीर को साफ़-सुथरा रखें
पीरियड्स में समय संक्रमण और स्पर्श-रोगों का खतरा काफी ज्यादा रहता है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि आप उन दिनों अपने पूरे शरीर को बिलकुल साफ़-सुथरा रखें। अपना सैनिटरी नैपकिन हर चार-चार घंटों में बदलती रहें। यह प्रक्रिया आप अच्छा महसूस करवाने में आपकी मदद करेगी।
सिगरेट, शराब का सेवन न करें
वैसे तो सिगरेट, शराब, आदि का भरी मात्रा में सेवन करना हानिकारक होता ही है, फिर चाहे आपके पीरियड्स चल रहें हों या नहीं। लेकिन पीरियड्स के समय आपको इन चीज़ों पर एकदम रोक लगा देनी चाहिए। यह चीज़ें आपकी हालत को गंभीर कर सकती हैं।
कैफीन न लें
हो सकता है कॉफ़ी पीना आपकी दिनचर्या का एहम हिस्सा हो। लेकिन पीरियड्स के समय ज़रूरी है कि आप अपनी दिनचर्या और काम-काज में थोड़ा बदलाव लाएं। मासिक धर्म के समय कैफीन लेना हानिकारक हो सकता है। इसलिए जिन चीज़ों में कैफीन की ज़रा सी भी मात्रा हो, उसे कुछ दिनों के लिए नज़रअंदाज़ करें।