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लेकिन, हमे इसके इसके लिए ज्यादा कुछ नहीं, बस थोड़ी सी जागरूकता और ज्ञान की ज़रूरत होती है। वित्तीय प्रबंधन करने से हमारे अंदर अधिक स्पष्टता और स्वतंत्रता आती है। महिलाओं को इस तर्क को समझने की काफी ज़रूरत है। हालांकि महिलाएं स्वयं को हर कार्य अकेले करने के लिए मज़बूत बना रही हैं लेकिन फिर भी इस वित्तीय गंडित को समझाना भी हमारे दिमाग के मध्य में होना चाहिए। अगर हमे फिर भी डर है या हम खुद से संतुष्ट नहीं हैं, तो हम निम्नलिखित इन छोटी-छोटी बेबी स्टेप्स के साथ शुरुआत कर सकते हैं।
1. विचार के साथ शुरुआत करें
महीने की शुरुआत में आपको यह ज्ञात होना ज़रूरी है की आपकी मासिक आय क्या है और खर्चों की गिनती क्या है। यह आपको एक सफल योजना बनाने में और नए खर्चों पर नियंत्रण करने में मदद करेगा।
2. अप्रत्याशित परेशानियों के लिए तैयार रहें
वित्तीय स्तर पर अप्रत्याशित खर्चों का आना कोई नयी बात नहीं है लेकिन इसकी कल्पना हमे पहले ही कर लेनी चाहिए। हमे मासिक आय के हिसाब से कुछ वेतन आपत्तिजनक स्तिथियों के लिए भी बचा लेना चाहिए। साथ ही, यह भी सोच लेना चाहिए की इस धन को हम सिर्फ दुर्लभ स्तिथियों में इस्तमाल करेंगे।
3. पारदर्शिता को समझें
ज़रूरी है की आप समय-समय पर अपने सारे भुकतान कर दें। जिसके कारण आपको बाद में किसी समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही, जो भी भुकतान आप करती हैं, उनके बिल्स और रसीद भी अपने पास रखें।
4. व्यावसायिक तरह से सोचें
महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है की वे अपने धन को किस तरह और कहां लगाना है, यह सोचें। उदाहरण के तौर पर सोच लीजिये की यदि आपके पास एक अच्छी गिनती में धन है। तो उस गिनती के हिसाब से उसे आपको किसी ऐसी जगह लगाना होगा जिससे भविष्य में आपको उससे अच्छा लाभ मिले।
इन छोटी-छोटी चीज़ों को अगर आप समझ लें और इनका अभ्यास करने का प्रयास करें तो आप स्वयं के वित्तीय प्रबंधन कौशल को भी सही ढंग से समझ पाएंगी। यह साथ ही आपके मन में आत्म-विश्वास की वृद्धि करेगा और आप अकेले ही सक्षम महसूस करेंगी। महिलाएं हमारे समाज में पूर्ण रूप से स्वतंत्र तब मानी जाती है जब वे आर्थिक रूप से खुद को स्वतंत्र कर लेती हैं। यह आर्थिक स्वतंत्रता उनके विकास और कौशल को बढ़ावा देने में मदद करती है।