New Update
“मैंने वो पोस्ट डिलीट की क्योंकि मैं अपनी बेटी के आँसुओं को नहीं देख सकी। ” उन्होंने आगे कहा,“ तब मैंने महसूस किया कि मेरा मेरी बेटी की फोटो को इंस्टाग्राम से हटाना उसकी बदमाशी को बढ़ावा देगा , ”आगे कहते हुए, मेरी बेटी एक अच्छी स्पोर्ट्सपर्सन है, लिम्का बुक्स में रिकॉर्ड होल्डर है और कराटे में दूसरी डैन ब्लैक बेल्ट है और वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 बार उसे ब्रोंज मैडल से सम्मानित किया गया है; वह एक प्यारी बेटी है और हाँ बहुत खूबसूरत है। जितना उसे चिड़ाना है , उसका मज़ाक बनाना है, बनाओ ! वह वापस लड़ेगी। वह ज़ोइश ईरानी हैं और मुझे उसकी माँ होने पर गर्व है।
एक रिसर्च में कहा गया है कि भारत में, कक्षा 4 से 8 के 42% और कक्षा 9 से 12 के 36% छात्रों ने कहा कि वे स्कूल में साथियों द्वारा बुल्लिंग का शिकार होते हैं।
एक माँ का दर्द
अगर हम स्मृति को केंद्रीय मंत्री के पद से अलग रखकर सोचे तो हमे एक माँ नज़र आएगी जो बस अपनी बेटी का साथ दे रही है, जो उसे बढ़ावा दे रही है बुल्लिंग का डट कर सामना करने को । स्कूल में बुल्लिंग करना गलत है । 2017 में ,टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने, पांच साल के लिए अलग -अलग जगहों पर एक सर्वे किया था जिससे यह पता चलता है की कक्षा 4 से 8 तक 42 % और कक्षा 9 से 12 तक 36 % बच्चो ने साथियों द्वारा बुल्लिंग का सामना किया है । ऍनसीआरबी की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है की बुल्लिंग के कारण बच्चों को डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है जिससे वो खुद को तकलीफ पहुंचाते है और सुसाइड भी कर सकते है ।
बुल्लिंग से बचाव
यदि कोई बच्चा बुल्लिंग से परेशान है, तो उसे डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी जाती है। घर पर उसे मोरल सपोर्ट दे और उसे दिखाएं कि आपको अपने बच्चे पर गर्व है कि वे कौन हैं। आप उसके साथ है । बुल्लिंग के कारण बच्चा अपने आपको असुरक्षित महसूस करता है और माता-पिता के रूप में, आपको अपने बच्चों को यह यकीन दिलाना चाहिए की आपका बच्चा अबसे ख़ास है और उसकी ख़ुशी आपके लिए सबसे ज़्यादा मायने रखती है ।
ईरानी की तरह, हमें अपने बच्चों पर गर्व होना चाहिए, और उन्हें अपनी लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। सभी स्कूलों और अधिकारियों को बच्चों को न केवल बुल्लिंग का शिकार बनने से बचाने के लिए एक साथ आने की जरूरत है, बल्कि इसके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए । हम शायद ही कभी इस तथ्य को स्वीकार करते हैं की बुल्लिंग के पीछे एक बच्चा है जिसे बचाने की जरूरत है।