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२० छोटे कदम जो माता-पिता को अपने बच्चों के लिए उठाने चाहिए

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Swati Bundela
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  1. अपने बच्चों को करीब से देखें, समझें और उन्हें महसूस करें। जब वे नहा कर आते है तो उनकी खुशबू और उनकी कोमल त्वचा में एक अलग ही आनंद होता है।


  2. देखें की वे कितने खूबसूरत हैं। साथ ही, उनकी पूर्णता पर गर्व महसूस करें।



  3. यह याद रखें कि कपडे स्त्री करने का काम, आदि बाद में भी हो सकते हैं। लेकिन इन कामों की जल्द-बाज़ी में बच्चों की मीठी-मीठी बातें न रह जाएं।

  4. उन्हें समय-समय पर पूरी ख़ुशी के साथ गले लगाएं।

  5. उनके पास जाकर उनके नाज़ुक दिल की धड़कनों को करीब से सुनें।

  6. उनकी तस्वीर हमेशा अपने पास रखें और अपने जानने वालों को भी दिखाएं।


  7. एक बॉक्स उन चीज़ों के लिए निर्धारित कर दें जो आगे चलकर बच्चों की यादें बनने वाली हैं। उनके पुराने जूते, खिलोने, कपडे, आदि संभाल के रखें।



  8. भोजन करते समय अपने फ़ोन्स को खुद से दूर रखें। अपने परिवार के साथ जितना वक़्त बिता सकते हैं, उतना बिताएं।

  9. उनसे बातें करें। खुद की दिनचर्या की बातें उनसे साझा करें और साथ ही उनकी बातों को भी गौर से सुनें।

  10. उनके जितना करीब रह सकते हैं, उतना रहें। क्यूंकि बड़े होकर बच्चों में बदलाव आना निश्चित है।

  11. उनकी आँखों में देखें, और उन्हें उनके उपनाम से पुकारें। ऑनलाइन दुनिया के इस समय में ज़रूरी है कि उन्हें आमने-सामने की वार्तालाप का महत्व पता हो।

  12. सोचिये की आप स्वयं के माता-पिता से और क्या उम्मीद रखते थे और वही सब अपने बच्चों के साथ करें।

  13. उनके जल्दी बड़ा होने की कामना न करें बल्कि उनके बचपन को सराहयें।

  14. बच्चों के साथ खेलें, घूमें, और बच्चों की तरह ही पेश आएं। क्यूंकि काफी जल्दी वे बड़े होने वाले हैं और उसके बाद वे सिर्फ अपने दोस्तों के साथ घूमना-फिरना पसंद कर सकते हैं।


  15. उनके साथ हंसी-मज़ाक करना काफी ज़रूरी है क्यूंकि इन्ही सब यादों के ज़रिये वे अपने बचपन को याद करते हैं।



  16. अगर आप उनके साथ घूमने जा रहे हैं तो आप इस तरह खुद को भी समय दे रहें हैं और यह विचार बिलकुल भी स्वार्थी नहीं है।

  17. बच्चों का विकास देखने के लिए एक ग्रोथ वाल ज़रूर बनायें और फर्क महसूस करें। साथ ही उस दिवार पर कभी रंग न करवाएं।

  18. साथ में फ़िल्में देखना न भूलें। उस तरह की फ़िल्में देखें जिससे आप सबको आनंद मिले.


  19. उनकी तस्वीरें, आवाज़, और उनसे जुडी यादों को अपने साथ हमेशा संभाल कर रखें। इसके साथ ही समय-समय पर बदलाव को भी अनुभव करें।



  20. उन्हें कभी-कभी देर रात तक भी जागने दें। कभी-कभी घर के कायदे-कानूनों को बच्चों के लिए तोड़ा जा सकता है।

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