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समय के इतने आधुनिक हो जाने के बाद भी आज तक ऐसे कई सेक्सिस्ट नियम और कानून है जो महिलाओं के विपक्ष में है। यह अविश्वसनीय है कि 2022 में भी यह अस्तित्व में है। महिलाओं को इनके खिलाफ मिलकर अपनी आवाज उठाने की जरूरत है। हमें यह याद रखना चाहिए कि महिला केवल वह इंसान नहीं होती जो जन्म से महिला पैदा होती है।
ट्रांसजेंडर महिलाएं भी महिलाएं ही हैं। ऐसी भी बहुत सी महिलाएं हैं जो एक लड़की के रूप में पैदा हुई लेकिन उनकी पहचान यह नहीं। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि वे अबॉर्शन बैन के खिलाफ अपना मत नहीं रख सकती या अपनी आवाज नहीं उठा सकती हैं।
महिलाओं को प्रताड़ित करने वाले नियम कानून -
1.18 साल से ज़्यादा की महिला का मैरिटल रेप रेप नहीं?
भारत में मैरिटल रेप का रेप समझा ही नहीं जाता है। पुरुष प्रधान समाज की यह मानसिकता महिलाओं के लिए दुश्मन बन चुकी है। भारत में शादी करने का मतलब सेक्स के लिए महिला की सहमति है। लेकिन हद तो तब हो जाती है जब कानून भी इसमें शामिल हो जाए।
जी हां, archaic, exception 2 से सेक्शन 375 आईपीसी यह कहता है कि अगर एक महिला किसी आदमी से कानूनन शादी कर चुकी है और वह 18 साल से ज्यादा उम्र की है। तो उसका पति उसके साथ बिना उसकी सहमति के सेक्स कर सकता है और इसे रेप नहीं कहा जाएगा।
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2. बच्चे को अबॉर्ट करना है गैर कानूनी
यूनाइटेड स्टेट के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह कहा है अबॉर्शन पर बैन लगाने या ना लगाने का फैसला अब राज्यों के हाथ में है। कई महिलाओं के लिए अबॉर्शन कराना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि प्रेगनेंसी उनके लिए जानलेवा हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसी लाखों महिलाओं के लिए घातक है। कितनी अजीब बात है कि एक जीवित मनुष्य की जान की कीमत उस बच्चे की जान की कीमत से कम है जो अभी दुनिया में आया भी नहीं।
3. महिलाओं को घर से नहीं निकलना है
जब बड़े बड़े लोकतंत्रओं वाले देशों में लैंगिक असमानता है तो तालिबान के यह नियम भी कोई ज्यादा बड़ी बात नहीं। तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं को सर से लेकर पांव तक ढक कर सार्वजनिक जगहों में आने का नियम बनाया है।
महिलाओं के घर पर ही रहने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इस आतंकवादी समूह ने महिलाओं का स्कूल जाना भी बंद कर दिया है और उनके लिए देश को जहन्नुम बना दिया।
4. केवल serious injuries ही हैं क्राइम
अगर कोई आदमी किसी महिला को पीटता है तो इस बात को जाने देना चाहिए क्योंकि यह घर का मामला है? अगर मारपीट में किसी की हड्डी नहीं टूटी है तो वह कोर्ट नहीं जा सकता? रूस ने 2017 में घरेलू अपराध के अलग-अलग प्रकार निकाले। उसके हिसाब से अगर महिला को सीरियस इंजरी नहीं हुई है तो यह घरेलू हिंसा का केस नहीं माना जाएगा।
महिला घरेलू हिंसा की शिकायत केवल तभी कर सकती है जब उसकी हालत अस्पताल में भर्ती होने लायक हो।
5. सूडान में 10 साल की बच्ची की शादी
सूडान कुछ ऐसे नियम कानून फॉलो करता है जिसके मुताबिक लड़की जितनी जल्दी समझदार हो जाए उसकी शादी कर देनी चाहिए। सूडान में 10 साल की बच्चियों की शादी उनसे 3 गुना ज्यादा उम्र के आदमियों से कर दी जाती है। यह खबर विश्व के सामने तब आई जब 2018 में एक 11 साल की लड़की ने 38 साल के अपने पति से तलाक की मांग की।