जिन घर की बेटियां पढ़ाई में अव्वल होती हैं और कामकाजी होती हैं उनसे इस तरह पेश आना मानों उन्होंने कोई गलती की हो, ये कहाँ तक सही माना जा सकता है। आज हम चर्चा करंगे कि क्या वाकई में ज्यादा पढ़ी लिखी लड़की एक अच्छी पत्नी नहीं बन सकती या ये केवल समाज की एक दकियानूसी सोच है।
1. "ज्यादा पढ़ाओगे तो रिश्ते ढूंढने में मुश्किल होगी"
लड़की के पढ़ने लिखने पर वैसे तो हर कोई बड़े बड़े लेक्चर देदेता है लेकिन बात जब प्रैक्टिकल दुनिया की हो तो सभी के असली रंग बाहर आते हैं। आपने कई बार ये लाइन्स सुनी होंगी कि "ज्यादा पढ़ाओगे तो रिश्ते नहीं मिलेंगे या रिश्ते ढूंढने में मुश्किलें होंगी", लड़कियों की पढ़ाई को उनकी बेड़ियाँ बनाते हैं इस तरह के जुमले। लोगों का मानना है कि अगर लड़की ज्यादा पढ़ लिख जाए तो उसकी शादी करने में मुश्किलें आती हैं, क्यूंकि उस बराबरी का या कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिलता।
2. "ज्यादा पढ़ी लिखी होगी तो पति पर हुकुम चलाएगी"
कई लोगों का तो ये मानना है कि ज्यादा पढ़ीलिखी लड़कियां बहुत चालक होती हैं और हमेशा अपने पति पर हुकुम चलती हैं। इस बात से ये समझा जा सकता है कि समाज में महिलाओं के पढ़ाई और कामकाज को कितना बुरा समझा जाता है। ये एक तरह का सोशल टैबू ही समझे कि कोई ये नहीं चाहता कि ज्यादा पढ़ीलिखी लड़की उनके घर की बहु बने।
3. "लड़कियों को घर के कामकाज में निपुण होना चाहिए"
बहुत लोग तो इस बात पर चलते हैं कि समजह में महिलाओं और पुरुषों के लिए पहले से ही उनके दायित्व निर्धारित हो चुके हैं। पुरुष जहा कमायेगा और घर चलाएगा वही महिलाओं से ये अपेक्षा की जाती है कि वो घर के कामकाज को और बच्चों को संभालें। लड़की भले ज्यादा पढ़ी लिखी न हो लेकिन अगर वो घर के चूल्हे-चौके-बर्तन में निपुण है तो उसे पढ़ी लिखी लड़कियों से बेहतर बहु और पत्नी समझा जाता है। ये धरना पहले से ही सबके दिमाग में रहती है कि जो लड़की घर के कामकाज में निपुण है वही अच्छी बहु और पत्नी साबित हो सकती है।
4. "खाना बनाना सीख लो, पढ़ाई तो बाद में होती रहेगी"
लड़कियों के लिए घर संभालने और खाने बनाने जैसे टास्क को उनके शादीशुदा लाइफ के लिए एक इम्पोर्टेन्ट टास्क माना जाता है। वो कितनी पढ़ी लिखी है, उसके अंदर क्या काबिलियत है ये सभी बातें सेकेंडरी हो जाती है और जरुरी बन जाता है सिर्फ इतना कि ससुराल में अच्छा और स्वादिष्ट खाना बना कर सबका दिल कैसे जीता जाए। अक्सर हमारे ही परिवार में कोई न कोई ऐसा होता है जो लड़कियों को एक न एक बार ये नसीहत जरूर देता है कि "कहना बनाना सीख लो, पढ़ाई तो बाद में होती रहेगी"।