अब वो समय नहीं रहा जब महिलाए बस घर बार ही संभालती थी अब तो ऐसी कौन सी फील्ड है जहां महिलाएं नहीं है चाहे वह हेल्थ डिपार्टमेंट हो ,आर्मी हो, अंतरिक्ष हो या प्लेन उड़ाने की बात महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं रही महिला पुरुष से कंधा मिलाकर के बराबरी से चल रही है।
जो समाज के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है यह सत्य है कि यदि आप एक लड़के को एक पुरुष को पढ़ाते हैं तो आप एक परिवार को पढ़ा रहे हैं पर यदि आप एक लड़की को शिक्षित करते हैं, उसे एजुकेट करते हैं तो आप दो परिवारों को शिक्षित कर रहे हैं । हर महिला का आत्मनिर्भर होना सबसे ज्यादा जरूरी बात है क्योंकि यही है जो समाज को भी बदलती है तो आइए जानते हैं कि आखिर एक महिला का आत्मनिर्भर होना क्यों जरूरी है-
1.आर्थिक स्वतंत्रता (फाइनेंशली इंडिपेंडेंट)
यदि आप एक आत्मनिर्भर महिला है तो आपको किसी पर भी निर्भर होने की कोई आवश्यकता नहीं है चाहे वह फिर फाइनेंशली मतलब पैसे की वजह से ही क्यों ना हो। आप अपने जीवन में अपने लिए जो चाहे वह चुन सकती हैं आप अपने जीवन को एक अच्छी राह दे सकती हैं ।
और आप अपने ऊपर बिना किसी से पूछे खर्च भी कर सकती हैं। इसलिए एक लड़की या एक महिला का फाइनेंशली इंडिपेंडेंट होना ज्यादा जरूरी है । भारत में ज्यादातर महिलाएं अपने पिता या पति पर निर्भर होती हैं जिस वजह से उन्हें पूरी फ्रीडम नहीं मिलती। इसीलिए अगर आपको फाइनेंशली इंडिपेंडेंट बनना है तो आपका आत्मनिर्भर होना, खुद कमाना ज्यादा जरूरी है।
2. परिवार को मिलता है सपोर्ट
इस महंगाई के दौर में अकेली इंसान से घर चलाना बहुत कठिन होता है मुश्किल होता है परंतु यदि एक महिला जो है वह आत्मनिर्भर होती है तो घर को ज्यादा सपोर्ट कर पाती वैसे तो यदि एक ग्रहणी है या फिर एक हाउसवाइफ है तो घर में रहकर वह बहुत काम करती है पर पर आर्थिक रूप से परिवार को सपोर्ट नहीं कर पाती और कहीं ना कहीं परिवार पर बोझ बनती है इसीलिए यदि एक महिला आत्मनिर्भर होती है तो वह परिवार को भी घर खर्च में बढ़-चढ़कर मदद करती है।
3. मिलता है सम्मान
वैसे तो महिला घर में रहकर भी महिला बहुत काम करती है पर उसके काम को उतनी सराहना नहीं मिल पाती पर यदि वह आत्मनिर्भर होती है। और घर के साथ-साथ काम भी संभालती है और घर को आर्थिक रूप से मदद भी करती है तो घर में ही नहीं बल्कि समाज में भी उसे अधिक सम्मान मिलता है। आस पड़ोस में भी उसे सम्मान की निगाह से नजर से ही देखा जाता है जो एक महिला के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है ।
4. घरेलू हिंसा डोमेस्टिक वायलेंस का नहीं होती शिकार
अधिकतर घरेलू हिंसा या डोमेस्टिक वायलेंस के मामलों में यही देखने मिलता है कि एक महिला खुद पर निर्भर नहीं होती है वह आत्मनिर्भर नहीं होती जिस वजह से वह डॉमेस्टिक वायलेंस का या घरेलू हिंसा का आसानी से शिकार बन जाती है। पर एक आत्मनिर्भर महिला किसी की प्रताड़ना को कभी भी सहन नहीं करती वह इसका विरोध करती है और अपने बल पर जीवन जीना जानती है। उसे किसी पर भी निर्भर होने की आवश्यकता नहीं होती जिस वजह से उसे किसी का भी डर नहीं होता उसे किसी से अधिक पूछना नहीं पड़ता और वह एक रूप से स्वतंत्र होती है।
5. आत्मविश्वासी कॉन्फिडेंट
एक हाउसवाइफ के मुकाबले एक आत्मनिर्भर महिला अधिक कॉन्फिडेंट आत्मविश्वासी होती है वह अपने काम खुद करना जानती है और उसने बाहर की दुनिया देखी होती है उसे पता है कि उसे कब कहां क्या करना है पर एक हाउसवाइफ के लिए यह काम बहुत कठिन होता है क्योंकि उसे बाहर की दुनिया नहीं देखी होती है। उसे केवल घर के काम करना आता है पर वह बाहर के कामों को आसानी से नहीं कर पाती पर आत्मनिर्भर महिला के लिए बाहर के काम करना या ना मुश्किलों को झेलना और चैलेंज को पूरा करना आम बात होती जिस वजह से उसका आत्मविश्वास तेजी से बढ़ता है।