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Gold During Wedding: क्यों सिर्फ शादी, सोना और जेवरात बेटियों के लिए संपत्ति?

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Swati Bundela
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जब भी बेटियों को कोई तोहफा देने की बात आती है तब सिर्फ ज्वेलरी, गोल्ड और सजने सवरने की चीज़ें दी जाती हैं। पेरेंट्स हमेशा से ही बेटी की शादी को सपने को ही अपना सबसे बड़ा सपना मानते हैं और उसको ग्रैंड तरीके से करना सपना होता है।  

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जब लड़कों की बात आती है तब उनके पूरे करियर पर ध्यान दिया जाता है और प्लानिंग की जाती है।  अच्छे कॉलेज से लेकर अच्छे घर गाडी तक सब कुछ सोचा जाता है।  लेकिन लड़की के लिए सिर्फ एक ग्रैंड और मेहेंगी शादी ही सबसे बड़ी उपलब्धि होती है।  

महिलाओं को शादी के वक़्त जो सोना दिया जाता है उसे स्त्रीधन कहते हैं।  यह वो सब चीज़ें होती हैं जो शादी के वक़्त उसको तोहफे मिलती हैं रिश्तेदार से और ससुराल से।  

स्त्रीधन इतना ज्यादा खास और जरुरी होता हैं कि इसको मना करने से कई बार महिलाओं को शोषण भी झेलना पढ़ जाता हैं। आज तक भी लड़कियों को प्रॉपर्टी में कुछ देना और घर देना बेकार माना जाता है और कहा जाता है इसकी जरुरत नहीं है।  

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एक महिला को ज्यादातर अधिकार जब ही मिलते हैं जब उसकी शादी होती है वो बहु बनती है बीवी बनती है और उसके बाद उसे सब कुछ मिलना शुरू होता है।  इसके लिए शादी तक इंतज़ार क्यों किया जाता है और उससे पहले एक उसके बिना क्यों लड़की को कुछ नहीं दिया जाता है।  

Gold During Wedding
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