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Women Who Made A Significant Impact In Indian Politics: भारतीय राजनीति में पुरुषों का दबदबा शुरू से ही अधिक रहा है। संसद में आने वाले समय में महिलाओं की भागीदारी 33% होने वाली है जो अभी वर्तमान में महज 13.5 फीसदी ही है। हालांकि पहले की तुलना में अब महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन कई ऐसी भी महिलाएं है जिन्होंने समय आने पर पुरुषों के साथ आकर भारतीय राजनीति में अपना प्रभाव छोड़ा है। महिलाएं न केवल देश की राजनीति में भागीदार रही हैं, बल्कि उन्होंने समाज में बदलाव लाने और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष भी किया। इन महिलाओं ने समय आने पर निर्णायक फैसले लिए है जिसने आगे चलकर राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए जानते है कुछ ऐसी हे प्रभावी महिलाओं के बारे में।
भारत की 6 महिलाएं जिन्होंने राजनीति में अपना प्रभाव छोड़ा
1. इंदिरा गांधी
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी ने भारतीय राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाई। भारतीय राजनीति में वे एक सशक्त और निर्णायक नेतृत्व की प्रतीक बनकर उभरीं। उन्होंने 1966 से 1977 और फिर 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके शासनकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जैसे बांगलादेश युद्ध और 1975 में आपातकाल की घोषणा। उन्होंने ’गरीबी हटाओ देश बचाओ’ का नारा दिया था।
2. सोनिया गांधी
सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने कई चुनावों में सफलता प्राप्त की। वे इंदिरा गांधी के बाद एक प्रमुख महिला नेता के रूप में उभरीं। सोनिया गांधी करीब 20 साल तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहीं जो उसके इतिहास में किसी अध्यक्ष का सबसे लंबा कार्यकाल था।
3. जयललिता
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता भारत में एक प्रभावी राजनेत्री रही है। अभिनेत्री से नेत्री बनी जयललिता जयराम ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) की महासचिव रही। वह 1982 में राजनीति में शामिल हुईं। उन्होंने चौदह वर्षों से अधिक समय तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वो अपनी मृत्यु तक मुख्यमंत्री के पद पर रही और रूप में कार्य किया। वो पद पर रहते हुए मरने वाली पहली महिला मुख्यमंत्री है।
4. शिला दीक्षित
इन्हें दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने के लिए जाना जाता है। इन्होंने 15 साल तक दिल्ली की कामन संभाली। संयोगवश राजनीति में आई शिला इंदिरा गांधी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रही है। महिलाओं की स्थिति को लेकर उन्होंने 1984-89 के दौरान संयुक्त राष्ट्र कमीशन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1990 में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर आंदोलन भी किया था।
5. सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज भारत में एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता थीं। उन्होंने बीजेपी की पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, महासचिव, प्रवक्ता, विपक्ष की नेता और विदेश मंत्री के रूप में उनके नाम कई उपलब्धियां हासिल की। वो 25 वर्ष की आयु में भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री रही। छात्र संगठन एबीवीपी से अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली वाली सुषमा स्वराज 1990 में पहली बार भाजपा से सांसद बनीं। इसके बाद भारतीय राजनीति में अपना परचम लहराया।
6. मायावती
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी) की प्रमुख मायावती ने दलितों के अधिकारों के लिए कई संघर्ष किए। उनका प्रभाव उत्तर भारत में खास तौर पर देखा जाता है। मायावती उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रभावी चेहरा रही है। मायावती उत्तर प्रदेश की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री रही है। दलितों की आवाज बनने का सपना लिए वह चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही। साथ ही बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष भी हैं। मायावती एक ऐसी ही प्रभावी व्यक्तित्व की महिला हैं।