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Disability: जानिए 5 विकलांग महिलाओं के बारे में जो हमारी प्रेरणा बनीं

प्रेरणादायक | नारीवाद: विकलांगता किसी भी मनुष्य के जीवन में एक बाधा बन जाती है लेकिन जो मनुष्य इन बाधाओं को पार कर अपनी एक नई पहचान बनाते हैं वही आगे चलकर बाकियों के लिए एक प्रेरणा बनते हैंI

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Sukanya Chanda
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Get To Know About These 5 Women With Disability Who Became An Inspiration (image credit- Scroll.in)

Get To Know About These 5 Women With Disability Who Became An Inspiration: आज भी समाज में लड़कियों को कमतर समझा जाता है और ऐसे में यदि वह विकलांग हो तो उन्हें हर जगह से एवं हर अवसर से हटा दिया जाता हैI लेकिन जब तक आप किसी चीज़ को परखेंगे नहीं तब तक आप उसकी क्षमता को कैसे पहचानेंगेI इसी बात को इन औरतों ने अपने काम के माध्यम से हमारे समाज को समझाया है कि चाहे औरतें स्वस्थ हों या फिर विकलांग वह कुछ भी कर सकती हैं यदि उनका अपने ऊपर विश्वास हो तोI यह उन सबके लिए एक प्रेरणा बनी जिन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी खत्म हो गई पर इन्होंने बाकियों को प्रेरित किया फिर से अपनी जिंदगी जीने मेंI

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जानिए 5 विकलांग महिलाओं के बारे में जो हमारी प्रेरणा बनीं

1. निधि गोयल

निधि एक कार्यकर्ता हैंI नेत्रहीनों की भलाई एवं समान लैंगिक अधिकारों के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान हैI उन्होंने मुंबई में 'राइजिंग फ्लेम्स' की स्थापना की जोकि विकलांगों के लिए की भलाई के लिए काम करती हैI इसके अलावा निधि एक लेखिका, रिसर्चर एवं कॉमेडियन भी हैंI उन्होंने ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट में अपनी रिपोर्ट इनविजिबल विक्टिम्स ऑफ सेक्सुअल वायलेंस भी पेश कीI

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2. प्रीति श्रीनिवासन 

एक एक्सीडेंट के बाद प्रीति वाम चतुर्भुज (left quadriplegic) बन गई लेकिन इससे उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ बल्कि और भी बढ़ गयाI उन्होंने अपनी कमज़ोरी को अपनी ताकत बनाई और दूसरों की भी मदद कीI वह एक चैरिटी चलाती हैं जिसका नाम है 'सोलफ्री' जोकि विकलांगों की मदद करता है, उन्हें 'पॉजिटिवली एबल्ड' बनाने में इसी साल 28 अप्रैल को उन्हें 'आई एम वूमेन' के पुरस्कार से नवाज़ा गयाI

3. शंपा सेनगुप्ता

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शंपा, फाउंडर है एक एडवोकेसी ग्रुप की जिसका नाम है 'श्रुति डिसेबिलिटी राइट सेंटर' जिसका लक्ष्य है विकलांगों की मदद करना और वह एक कार्यकर्ता भी हैं जिन्होंने लैंगिक एवं विकलांग की समस्याओं पर काम किया हैI उन्होंने अपने 'मी टू' के अनुभव को बांटते हुए कहा कि वह चाहती हैं कि विकलांगता के क्षेत्र में लड़कियां अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा सकेंI निधि की तरह उन्होंने भी 'ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट' में 'इनविजिबल विक्टिम्स ऑफ सेक्सुअल वायलेंस पर रिपोर्ट लिखी हैI

4. अरुणिमा सिन्हा

ट्रेन के धक्के के कारण गिर जाने से उनकी बाएं पैर को काट कर अलग करना पड़ा वही अरुणिमा पहली अपंग महिला बनी जिन्होंने 2013 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ीं उन्होंने अरुणिमा फाउंडेशन की भी स्थापना की ताकि वह अपने जैसे और लोगों की सहायता कर सकेंI इसके अलावा अरुणिमा ने अपनी हेनरी हॉनरेरी डॉक्टरेट ग्लास्गो के 'यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैटक्लाइड' से हासिल कीI उनका मानना है कि कोई भी पुरस्कार एक अच्छा संदेश भेजता है हमारे देश के युवाओं के लिए कि उन्हें संघर्ष करना पड़ेगा अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिएI

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5. मानसी जोशी

एक मोटरसाइकिल से एक्सीडेंट के बाद मानसी के पैर को काटकर अलग करना पड़ाI उसके बाद 2018 में, मानसी ने ब्रोंज मेडल जीता 'थाईलैंड पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल' के 'विमेंस सिंगल एस एल 3 कैटेगरी' में और एशियन पैरा गेम्स मेंI यह उनका पहला टूर्नामेंट था स्पोर्ट्स प्रोथैसिस लगाने के बादI मानसी का मानना है कि जिंदगी में सबसे बड़ी चुनौती यह समाज है और यह दुख की बात है कि आज भी बहुत से लोग पैरा एथलीट्स को कम समझते हैंI लेकिन मानसी ने अपने दृढ़ता एवं आत्मविश्वास से उन लोगों को गलत साबित कर दिया और पैरा एथलीट्स के लिए एक नई मिसाल बनींI

माउंट एवरेस्ट विकलांग डिसेबिलिटी मानसी जोशी
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