महिलाओं के लिए संविधान में हैं ये पाँच विशेषाधिकार

देश की महिलाओं को संविधान के तहत बहुत से अधिकार मिले हुए है। अगर लड़की के पिता ने खुद बनाई संपति किसी को नहीं दी है, तब उनकी मृत्यु के बाद प्रॉपर्टी में लड़की को भी उतना ही हिस्सा मिलेगा ,जितना लड़को को औरउनकी माँ को ।

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Pushpa Chauhan
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These Five Privileges Are There In The Constitution For Women: देश की महिलाओं को संविधान के तहत बहुत से अधिकार मिले हुए हैं। अगर लड़की के पिता ने खुद बनाई संपति किसी को नहीं दी है, तब उनकी मृत्यु के बाद प्रॉपर्टी में लड़की को भी उतना ही हिस्सा मिलेगा, जितना लड़को को और उनकी माँ को। शादी के बाद भी महिला का यह अधिकार बना रहता है और शादी के बाद भी महिला का यह अधिकार बना रहता है। कोई भी महिला अपनी संपत्ति को खुद की मर्ज़ी से भी बेच सकती है और इसमे कोई दखल नहीं दे सकता है। समय-समय पर सविधान में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए संशोधन किये जा रहे है, क्योकि इस पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं के साथ लैगिंग आधार पर किये जा रहे भेदभाव को सम्पात करने के लिए उन अधिकारों को सुनिश्चित करना भी जरुरी है।

महिलाओं के लिए संविधान में हैं ये पाँच विशेषाधिकार

1. अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार

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यह अनुच्छेद महिलाओं और पुरुषों को समानता का अधिकार प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि राज्य किसी भी व्यक्ति के साथ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा और सभी को कानून के समक्ष समानता का अधिकार है।

2. अनुच्छेद 15 सकारात्मक भेदभाव का प्रावधान

अनुच्छेद 15(3) के तहत, राज्य को विशेष प्रावधान बनाने का अधिकार है जो महिलाओं और बच्चों के पक्ष में हो। यह महिलाओं के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए विशेष नीतियों और योजनाओं को लागू करने की अनुमति देता है।

3. अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर

यह अनुच्छेद सार्वजनिक रोजगार के मामलों में महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर प्रदान करता है। इसके तहत, राज्य किसी भी रोजगार या पद पर नियुक्ति के संबंध में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता।

4. अनुच्छेद 39 राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत

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इस अनुच्छेद के अनुसार, राज्य पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान वेतन और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। यह आर्थिक समानता और महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देने का उदेश्ये रखता है। 

5. अनुच्छेद 42 मातृत्व राहत

यह अनुच्छेद राज्य को मातृत्व राहत और उचित काम की स्थिति प्रदान करने का निर्देश देता है। इसके तहत, राज्य महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ, छुट्टियां और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाता है। इन संवैधानिक प्रावधानों का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन करना है, जिससे उन्हें समाज में समानता और सम्मान मिल सके।

संविधान पाँच विशेषाधिकार