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Image Credit: Pinterest
Tips To Improve Confidence In Woman: पितृसत्तात्मक समाज स्त्री को हमेशा दबना और झुकना सिखाता है। पितृसत्ता का तंत्र इस प्रकार किसी स्त्री को जकड़ा रहता है कि वह कभी भी घर की चार–दीवारी से निकल न सके। महिलाओं को हमेशा घर के भीतर क़ैद रखने के लिए यह ज़रूरी है कि स्त्री अपना अस्तित्व न बना सके। और पितृसत्ता के इस तंत्र को तोड़ने के लिए ज़रूरी है कि महिलाएँ घर की चार–दीवारी से निकलें और दुनिया से लड़कर अपना अस्तित्व बनाएँ, अपने व्यक्तित्व को गढ़ें! लेकिन कई बार महिलाएँ ख़ुद को असहाय पाती हैं क्योंकि उनमें कुछ कर दिखाने की चाह होते हुए भी वह आत्मविश्वास नहीं होता। अपने आत्मविश्वास को बेहतर बनाने के लिए हम महिलाएँ अपना सकती हैं यह सुझाव, जिन्हें करते हुए शुरुआत में भले उन्हें थोड़ी झिझक महसूस हो लेकिन इसके अभ्यास से उनमें कुछ भी कर पाने का आत्मविश्वास जागेगा!
एक महिला के रूप में अपने आत्मविश्वास को बेहतर बनाने के लिए सुझाव
1. अकेले यात्रा पर निकल जाना
अकेले यात्रा पर जाने से पूरे सफ़र में आने वाली तमाम मुश्किलों से आप ख़ुद उलझेंगी भी और उन्हें ख़ुद सुलझाएँगी भी। ऐसा करने से आपमें नया आत्मविश्वास जगेगा। अकेले यात्रा करना बहुत कुछ सिखाता है– जीवन जीने के तरीके से लेकर अकेले परेशानियों से जूझने की हिम्मत देता है यह अनुभव।
2. गाड़ी चलाना सीखना
गाड़ी चलाना एक ऐसा कौशल है जो हर महिला को ज़रूर सीखनी चाहिए। पितृसत्तात्मक समाज महिलाओं पर गाड़ी चलाने को लेकर इतने नकारात्मक तंज कसती है कि महिलाएँ चलाना सीखने से पहले ही हार मान लेती हैं और ख़ुद पर शक करने लगती हैं। लेकिन इससे डरकर इस अनुभव से मुँह नहीं मोड़ना चाहिए। गाड़ी चलाने से एक अलग किस्म का आत्मविश्वास मन में जगता है।
3. ज़्यादा से ज़्यादा किताबें पढ़ना
जितनी भी किताबें पढ़ी जाए महिलाओं के व्यक्तित्व के विकास के लिए उतना ही अच्छा है। किताब पढ़ कर नया नज़रिया बनता है, दुनिया को देखने की समझ बनती है, ज्ञान बढ़ता है। अतः किताब पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है और उनके व्यक्तित्व का विकास होता है। इसलिए महिलाओं को ज़्यादा से ज़्यादा किताबें पढ़नी चाहिए।
4. जिम जाना शुरू करें
जिम में विभिन्न गतिविधियों को करने से शारीरिक स्वास्थ्य बनता है और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह समाज उन्हें ऐसा बना देता है कि वे सबका ध्यान रखने के चक्कर में कभी अपना ध्यान ही नहीं रख पातीं। विभिन्न प्रकार के व्यायाम से शरीर भी स्वस्थ रहता है और मन भी अतः इससे महिलाओं में आत्मविश्वास जगेगा।
5. अकेले रेस्तरां या मूवी देखने जाना
अकेले जितना काम करेंगी उतना ही महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्योंकि पितृसत्तात्मक समाज महिलाओं को हमेशा किसी के सहारे चलना सिखाता है, उन्हें ख़ुद चलने ही नहीं देता, जिसके कारण उनमें कुछ कर पाने का आत्मविश्वास मन में नहीं जग पाता। इसलिए महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वे अकेले रेस्तरां जाने की कोशिश किया करें या कभी अकेले मूवी देखने जाया करें। अकेले जब वे इन कामों को अच्छे से कर लेंगी तो उनमें आत्मविश्वास जगेगा।
“गाड़ी चलाना, अकेले यात्रा पर निकल जाना, अपने मन का काम करना और अपने हिसाब से जीना भी एक स्त्री के लिए प्रतिरोध है, और यह प्रतिरोध मुक्त करता है!” ~जसिंता केरकेट्टा