जानिए नवरात्रि व्रत के आसान नियम और तरीका

नवरात्रि का त्योहार हमारे लिए भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान माँ दुर्गा की आराधना की जाती है और कई भक्त श्रद्धानुसार व्रत या उपवास रखते हैं। व्रत रखने से आस्था तो प्रबल होती है, साथ ही यह आपके मन और शरीर दोनों को मज़बूत बनाता है।

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Deepika Aartthiya
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Must Try These Dishes In Navratri

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नवरात्रि का त्योहार हमारे लिए भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान माँ दुर्गा की आराधना की जाती है और कई भक्त श्रद्धानुसार व्रत या उपवास रखते हैं। व्रत रखने से आस्था तो प्रबल होती है, साथ ही यह आपके मन और शरीर दोनों को मज़बूत बनाता है। लेकिन सही तरीके से उपवास करने के लिए कुछ आसान नियमों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है।

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जानिए नवरात्रि व्रत के आसान नियम और तरीका

1. व्रत का संकल्प

नवरात्रि शुरू होने के साथ ही व्रत रखने का संकल्प लिया जाता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद माँ दुर्गा के सामने दीपक जलाकर प्रण लिया जाता है।

2. सात्विकता और संयम

व्रत का मतलब केवल भूखे रहना नहीं होता। व्रत का असली अर्थ है सात्विक आहार पर रहते हुए संयम से जीवन जीने की कोशिश करना और उसमें सफलता पाना है।

3. खान-पान के नियम

व्रत में अपने खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। इस दौरान अन्न नहीं लेना चाहिए और साधारण नमक का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। इस समय विशेष रूप से आपको फल खाने चाहिए और पानी पीते रहना चाहिए। आप चाहें तो साबूदाना, कुट्टू का आटा, आलू, दूध-दही जैसी चीज़ें ले सकते हैं। ध्यान रहे, बार-बार न खाएँ।

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4. पूजा और आराधना

नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। इस दौरान लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीज़ों से परहेज़ किया जाता है। मन को शांत रखते हुए पूजा-अर्चना करें, भोग चढ़ाएँ और प्रसाद सभी में बाँट दें।

5. व्रत पूरा करने का तरीका

नवरात्रि के अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का समापन किया जाता है। व्रत का समापन भी सात्विक भोजन से ही करना चाहिए। कई घरों में कन्या पूजन की परम्परा निभाई जाती है। कन्या का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है और अंत में उपहार दिया जाता है।

6. साफ-सफाई का महत्व

नवरात्रि पूजा में घर और पूजा स्थल की साफ़-सफ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यह न केवल घर की शुद्धता बढ़ाता है, बल्कि चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है। इससे मन को शांति मिलती है और एकाग्रता भी बढ़ती है।

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