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Reason Of Reciting Durga Saptashati During Navratri: चैत्र नवरात्रि 2025 एक पवित्र और शुभ पर्व है, जो माँ दुर्गा की आराधना और साधना के लिए समर्पित है। नौ दिनों तक भक्त उपवास, पूजा और मंत्र जाप के माध्यम से देवी की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह ग्रंथ माँ दुर्गा की महिमा और उनके द्वारा असुरों के संहार की कथा को दर्शाता है। इसके पाठ से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति का संचार होता है। आइये जानते हैं दुर्गा सप्तशती पाठ के बारे में अधिक बातें-
Chaitra Navratri 2025: दुर्गा सप्तशती का पाठ क्यों करना चाहिए?
दुर्गा सप्तशती क्या है?
दुर्गा सप्तशती, जिसे देवी महात्म्य या चंडी पाठ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह ग्रंथ मार्कंडेय पुराण का एक हिस्सा है और इसमें 700 श्लोक समाहित हैं। इसमें माँ दुर्गा के तीन प्रमुख स्वरूप महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का विस्तृत वर्णन मिलता है। इन स्वरूपों का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, समृद्धि और ज्ञान का संचार होता है। यह ग्रंथ न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है, बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में भी सहायक होता है।
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ क्यों करें?
चैत्र नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। इसे पढ़ने से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह ग्रंथ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। भक्तों का मानना है कि जो कोई भी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस ग्रंथ का पाठ करता है, उसे माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है। यह ग्रंथ जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है। साथ ही, यह मानसिक तनाव और चिंता को दूर कर मन को शांति प्रदान करता है।
दुर्गा सप्तशती के पाठ के लाभ
दुर्गा सप्तशती के पाठ से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह ग्रंथ शक्ति और साहस प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम बनता है। इसके नियमित पाठ से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षात्मक ऊर्जा कवच बन जाता है। यह ग्रंथ मन को शांत करता है और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है। साथ ही, दुर्गा सप्तशती के पाठ से धन, वैभव और समृद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है। अगर किसी व्यक्ति के कामों में बार-बार रुकावटें आ रही हों, तो इस ग्रंथ का पाठ उसे उन बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायता करता है।
दुर्गा सप्तशती पाठ करने की विधि
दुर्गा सप्तशती के पाठ को विधिपूर्वक करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। पाठ करने से पहले प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें। माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित कर दीप जलाएं और संकल्प लें। पहले अर्गला स्तोत्र, कीलक स्तोत्र और कवच का पाठ करें और फिर सप्तशती के 13 अध्यायों का पाठ करें। अंत में दुर्गा सप्तशती की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।