Mythology & Legends: महाशिवरात्रि से जुड़े रोचक पौराणिक किस्से जिन्हें जानना जरूरी है

जानिए महाशिवरात्रि से जुड़े पौराणिक किस्सों के बारे में, जो भगवान शिव की महिमा, उनके अद्भुत गुण और शिव पूजा के महत्व को उजागर करते हैं। ये किस्से आपको शिव के जीवन और उनकी शक्तियों को समझने में मदद करेंगे।

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Vaishali Garg
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Shiv Shakti Mahashivratri 2024

महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना का दिन है। यह विशेष रूप से शिव भक्तों द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का महत्त्व केवल पूजा और उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ और रोचक किस्से भी जुड़ी हुई हैं। ये किस्से भगवान शिव के जीवन, उनके अद्भुत गुण और उनके आशीर्वाद की महिमा को दर्शाते हैं। इस लेख में हम महाशिवरात्रि से जुड़े कुछ प्रमुख पौराणिक किस्सों पर चर्चा करेंगे जिन्हें जानना हर शिव भक्त के लिए जरूरी है।

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Mythology & Legends: महाशिवरात्रि से जुड़े रोचक पौराणिक किस्से जिन्हें जानना जरूरी है

1. भगवान शिव और तांत्रिक शक्ति का संगम

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने अपनी तांत्रिक शक्तियों का प्रकट किया था। एक बार, भगवान शिव के शरण में आए एक तांत्रिक ने उन्हें प्रसन्न करने के लिए उन्हें तंत्र-मंत्र से विचलित करने का प्रयास किया। भगवान शिव ने उसकी शक्ति को चुनौती दी और इसे अपनी तांत्रिक शक्ति से हरा दिया। इस घटना के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि भगवान शिव के आगे किसी भी तंत्र-मंत्र का कोई प्रभाव नहीं है और उनका आशीर्वाद केवल सच्चे भक्तों को ही मिलता है।

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2. शिव-परवती विवाह

महाशिवरात्रि का एक और महत्वपूर्ण प्रसंग भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह एक अद्भुत और रोमांचक घटना थी। यह विवाह महाशिवरात्रि के दिन हुआ था, और इसे दुनिया की सबसे दिव्य और प्रेमपूर्ण विवाह के रूप में माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती के विवाह से जुड़ी कई धार्मिक प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है।

3. समुद्र मंथन और भगवान शिव का विषपान

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महाशिवरात्रि से जुड़ा एक और रोचक किस्सा समुद्र मंथन का है। जब देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन किया, तो उसमें से हलाहल नामक विष निकला, जिसे कोई भी देवता या राक्षस नहीं पी सका। तब भगवान शिव ने बिना किसी डर के उस विष को पी लिया, जिससे उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें "नीलकंठ" कहा गया। इस घटना से यह संदेश मिलता है कि भगवान शिव सच्चे भक्तों की रक्षा के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा सकते हैं।

4. शिवलिंग की पूजा और उसका महत्त्व

महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है। शिवलिंग के बारे में एक पौराणिक किस्सा है, जिसमें भगवान शिव ने स्वयं शिवलिंग के रूप में प्रकट होकर महाशिवरात्रि की रात को साकार रूप लिया। शिवलिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है और उनके सभी पापों का नाश होता है। शिवलिंग की पूजा और इसके महत्व को लेकर कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं, जो इसे एक अद्भुत और शक्तिशाली पूजा पद्धति के रूप में प्रस्तुत करती हैं।

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5. महाशिवरात्रि और ब्रह्मा-विष्णु की परीक्षा

महाशिवरात्रि की एक और प्रमुख कथा के अनुसार, ब्रह्मा और विष्णु ने भगवान शिव से उनकी महिमा का पता लगाने के लिए एक बार एक परीक्षा ली। विष्णु ने भगवान शिव के पैरों के नीचे छिपने की कोशिश की, जबकि ब्रह्मा ने शिव की शंकर छवि को आदर्श मानते हुए उसे पहचानने की कोशिश की। लेकिन भगवान शिव ने यह सिद्ध कर दिया कि वे ब्रह्मा और विष्णु से भी बड़े और असीम हैं। इस कथा से यह स्पष्ट होता है कि भगवान शिव की महिमा असीम है और उनके आगे किसी की कोई महत्ता नहीं है।

महाशिवरात्रि का पर्व केवल पूजा और उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भगवान शिव से जुड़े कई रोचक और गूढ़ पौराणिक किस्सों का भी आदान-प्रदान है। इन कथाओं के माध्यम से हमें भगवान शिव के जीवन, उनके गुण, और उनकी शक्तियों को समझने का अवसर मिलता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना और उनके आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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स्रोत: यह लेख पौराणिक ग्रंथों, वेदों और हिंदू धार्मिक साहित्य पर आधारित है, जो महाशिवरात्रि से जुड़ी विभिन्न कथाओं और पुरानी मान्यताओं को साझा करते है।

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