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what Is Considered Auspicious To Buy On Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इसे 'अक्षय' यानी 'जिसका कभी क्षय न हो' और 'तृतीया' यानी 'तीसरी तिथि' के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य, दान या खरीदारी कभी निष्फल नहीं जाती, बल्कि अनंत गुना फल प्रदान करती है। अक्षय तृतीया का दिन नए कार्यों की शुरुआत, संपत्ति निवेश और धार्मिक गतिविधियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन विशेष रूप से सोना, चांदी, संपत्ति, वाहन आदि खरीदने की परंपरा है। इस वर्ष 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी।
Akshaya Tritiya 2025: जानिए अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना माना जाता है शुभ
सोने की खरीदारी
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। सोने को मां लक्ष्मी का प्रतीक कहा गया है और यह आर्थिक स्थिरता तथा समृद्धि का सूचक है। मान्यता है कि इस दिन जो भी सोना खरीदा जाता है, वह भविष्य में कई गुना वृद्धि लाता है। इसलिए लोग नए आभूषण, सोने के सिक्के या सोने की ईंटें खरीदते हैं।
चांदी और अन्य धातुएं भी हैं शुभ
सोने के अलावा चांदी भी इस दिन अत्यंत शुभ मानी जाती है। चांदी को शांति, चंद्रमा और मानसिक संतुलन का प्रतीक कहा जाता है। चांदी के बर्तन, सिक्के, मूर्तियाँ और चांदी के गहने खरीदना परिवार में सुख-शांति लाता है। इसके अतिरिक्त, कांस्य, तांबा और पीतल जैसी धातुएँ भी खरीदना लाभकारी माना गया है।
वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने का भी उत्तम समय
वर्तमान समय में अक्षय तृतीया पर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि खरीदना भी शुभ माना जाने लगा है। क्योंकि आज के युग में ये वस्तुएं जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी हैं, अतः इस दिन इनकी खरीदारी भी सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
भूमि, मकान और संपत्ति निवेश
अक्षय तृतीया पर जमीन, मकान या फ्लैट खरीदने को अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन संपत्ति में निवेश करने से वह स्थायी लाभ और संतोष प्रदान करती है। कई लोग इस दिन गृह प्रवेश, भूमि पूजन या नए प्रोजेक्ट की शुरुआत भी करते हैं।
नए व्यवसाय और स्टार्टअप की शुरुआत
व्यापारी वर्ग के लिए अक्षय तृतीया अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। नए व्यापार, स्टार्टअप या उद्यम की शुरुआत इस दिन करने से व्यापार में लगातार उन्नति और सफलता मिलती है। कई प्रतिष्ठान अपने स्टोर, शोरूम या ऑनलाइन व्यवसाय की शुरुआत अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में करते हैं।
धार्मिक वस्तुओं की खरीदारी
अक्षय तृतीया पर पूजन सामग्री जैसे शंख, घंटी, पूजा के बर्तन, धातु की मूर्तियाँ आदि खरीदना भी शुभ फलदायक होता है। घर के मंदिर के लिए देवी-देवताओं की नई मूर्तियाँ या पूजा स्थल का नवीनीकरण भी इस दिन किया जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और दिव्यता बनी रहती है।
अक्षय तृतीया पर दान-पुण्य का महत्व
सिर्फ खरीदारी ही नहीं, बल्कि अक्षय तृतीया पर दान का भी विशेष महत्व है। अन्नदान, वस्त्रदान, जलदान, गौसेवा, और ब्राह्मणों को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन किया गया दान अनेक जन्मों तक फलदायी रहता है और जीवन में शुभता व संतुलन लाता है।