Akshaya Tritiya: आखिर कब से शुरू करना चाहिए मटके का पानी पीना?

मटके का पानी पीने की परंपरा का धार्मिक महत्व जानें और जानिए कब से इसे शुरू करना चाहिए। आक्षय तृतीया और अन्य शुभ अवसरों पर मटके का पानी पीने के लाभों को जानें।

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Vaishali Garg
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Photograph: (DNA)

Akshaya Tritiya: भारतीय संस्कृति में मटके का पानी पीने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसे न केवल एक स्वास्थ्यवर्धक आदत माना जाता है, बल्कि इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। खासतौर पर आक्षय तृतीया जैसे पवित्र अवसरों पर मटके का पानी पीना एक विशेष महत्व रखता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कब से शुरू करना चाहिए मटके का पानी पीना और धार्मिक दृष्टिकोण से इसका क्या महत्व है।

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मटके का पानी पीने की धार्मिक परंपरा

आक्षय तृतीया से शुरू करें मटके का पानी

आक्षय तृतीया हिन्दू कैलेंडर का एक बहुत ही शुभ दिन होता है, जो विशेष रूप से धन, समृद्धि, और पुण्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन का महत्व इतना है कि इस दिन कोई भी नई शुरुआत करने से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। इसी दिन से मटके का पानी पीने की परंपरा भी शुरू की जाती है। इस दिन मटके को घर में स्थापित किया जाता है और फिर पानी पीने की आदत को नियमित रूप से अपनाया जाता है।

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आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, मटके का पानी पवित्र और शुभ माना जाता है, क्योंकि मिट्टी का बर्तन प्राकृतिक रूप से शुद्ध और ठंडा पानी प्रदान करता है, जो शरीर के साथ-साथ मन और आत्मा को भी शांति प्रदान करता है।

कब से शुरू करें मटके का पानी पीना?

धार्मिक दृष्टिकोण से, आक्षय तृतीया या गंगादशहरा जैसे महत्वपूर्ण तिथियों पर मटके का पानी पीना शुरू करना शुभ माना जाता है। इसके बाद इसे नियमित रूप से पीने की परंपरा शुरू की जाती है। इन तिथियों से मटके के पानी को घर में एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में स्थापित किया जाता है, जो परिवार के सभी सदस्यों के लिए शुभ होता है।

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मटके का पानी पीने का सही तरीका

मटका घर में पवित्र स्थान पर रखें

मटके को घर में पवित्र स्थान पर रखें, जैसे पूजा घर या मुख्य दरवाजे के पास, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।

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सुबह जल्दी मटके का पानी पीएं

सुबह के समय मटके का पानी पीने से पूरे दिन के लिए शरीर को ऊर्जा मिलती है और दिनभर धार्मिक उन्नति के संकेत होते हैं।

पानी में तुलसी के पत्ते डालें

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अगर आप मटके का पानी पीते समय तुलसी के पत्ते डालते हैं, तो यह और भी अधिक धार्मिक और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।

मटके का पानी पीना एक न केवल एक स्वास्थ्यवर्धक आदत है, बल्कि यह एक धार्मिक परंपरा भी है, जिसे विशेष रूप से आक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसरों से शुरू किया जाता है। इस परंपरा को अपनाने से न केवल जीवन में धार्मिक समृद्धि आती है, बल्कि यह शरीर और मन को भी शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।

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