Panchayat के 5 आइकॉनिक डायलॉग जो हर भारतीय को रिलेटेबल लगेंगे

पंचायत वेब सीरीज़ के 5 शानदार डायलॉग्स जो हर भारतीय की ज़िंदगी से जुड़े हुए हैं! मीटिंग से लेकर लौकी तक, ये मजेदार डायलॉग्स आपको हंसी और इमोशन दोनों का एहसास कराएंगे। पढ़ें पूरी लिस्ट

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Vaishali Garg
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"Panchayat" एक ऐसी वेब सीरीज़ है, जो छोटे-छोटे पलों को इतने शानदार तरीके से पेश करती है कि हर कोई इससे खुद को जोड़ सकता है। चाहे सरकारी दफ्तरों की मीटिंग हो, गांव की राजनीति हो या रोजमर्रा की छोटी-छोटी झुंझलाहटें, इस शो के डायलॉग्स सीधे दिल को छू जाते हैं। आज हम आपके लिए लाए हैं "पंचायत" के 5 ऐसे मजेदार और आइकॉनिक डायलॉग्स, जो हर भारतीय को रिलेटेबल लगेंगे!

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पंचायत के 5 आइकॉनिक डायलॉग जो हर भारतीय को रिलेटेबल लगेंगे

1. "किजिए मीटिंग मीटिंग... खेलिए मीटिंग मीटिंग, करते रहिए मीटिंग मीटिंग..." 

अगर आपने कभी ऐसी मीटिंग अटेंड की है, जहां घंटे भर की बहस के बाद भी कोई हल नहीं निकला, तो आप इस डायलॉग से पूरी तरह रिलेट करेंगे! पंचायत में यह डायलॉग बिनोद बोलता है, और हर सरकारी ऑफिस में काम करने वाले या बेकार की मीटिंग्स में फंसे व्यक्ति की भावनाओं को पूरी तरह बयां करता है।

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2. "लौकी भी कोई सब्जी होती है क्या?" 

जब घर में वही बोरिंग सब्जी बार-बार बनने लगे और आपका मन कुछ स्पेशल खाने का करे, तो यह डायलॉग आपके मन की बात कह देता है! इस सीन में प्रह्लाद जी जब लौकी की बुराई करते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हर भारतीय की किचन से निकली उनकी आवाज़ हो।

3. "देख रहा है बिनोद, लोग कितने दुखी हैं!" 

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अगर आप कभी किसी भीड़ में खड़े होकर सिर्फ ऑब्ज़र्व कर रहे हों और आपके दोस्त आपको बोले कि "भाई, कुछ तो करना पड़ेगा!", तो ये डायलॉग परफेक्ट है। पंचायत में यह बनराकस मजाकिया अंदाज में कहता है, लेकिन यह हमारी लाइफ की कई सिचुएशन्स में बिल्कुल फिट बैठता है।

4. "समय से पहले कोई नहीं जाएगा... कोई नहीं मतलब कोई नहीं!"

अगर आप किसी पार्टी, शादी या फंक्शन में हो और घर जाने की जल्दी हो, लेकिन आपके रिश्तेदार आपको रोक रहे हों, तो यह डायलॉग बिल्कुल सही है। पंचायत में यह डायलॉग सरकारी ऑफिस के आलसीपन को दर्शाने के लिए कहा गया था, लेकिन असल जिंदगी में भी यह कई बार सच साबित होता है!

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5. "चाय पिजिएगा क्या?" 

यह डायलॉग हर भारतीय के लिए बेहद खास है, क्योंकि हमारे यहां हर बड़ी चर्चा और मीटिंग चाय के बिना अधूरी होती है। चाहे दोस्त की टेंशन हो, घर की बहस हो या फिर ऑफिस की स्ट्रेसफुल मीटिंग  "चाय पिएंगे?" एक जादुई सवाल होता है, जो माहौल हल्का कर देता है।

"पंचायत" की सबसे खास बात यह है कि यह सीरीज़ हमें हमारी रियल लाइफ से जोड़ती है। इसके डायलॉग्स सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं रहते, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं। इनमें से कौन-सा डायलॉग आपको सबसे ज्यादा पसंद आया? कमेंट में बताइए

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