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Photograph: (Aarti Ravi/Instagram)
Ravi Mohan's ex-wife Aarti Ravi demands Rs 40 lakh monthly alimony: टेलीविजन निर्माता सुजाता विजयकुमार की बेटी आरती रवि और अभिनेता रवि मोहन के तलाक विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। 21 मई को चेन्नई की फैमिली कोर्ट में पेश हुए इस पूर्व दंपती ने एक-दूसरे के खिलाफ नई याचिकाएं दायर कीं। इस दौरान आरती ने कोर्ट से 40 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता मांगा, जबकि रवि ने सहवास की याचिका खारिज करने की मांग की।
रवि मोहन की पूर्व पत्नी आरती रवि ने मांगी 40 लाख रुपये मासिक एलिमनी
NDTV की खबर के अनुसार, 21 मई को चेन्नई फैमिली कोर्ट में आरती और रवि अलग-अलग याचिकाओं के साथ पेश हुए। रवि ने अपने तलाक के दावे को दोहराया, जबकि आरती ने 40 लाख रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता मांगा। इससे पहले कोर्ट ने दोनों को सुलह सत्रों में भाग लेने का निर्देश दिया था, जिसका पालन वे कर रहे थे।
रवि ने अदालत से आरती द्वारा दायर सहवास याचिका को खारिज करने की अपील की। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी याचिकाओं पर पुनर्विचार करने की सलाह दी और अगली सुनवाई की तारीख 12 जून तय की।
आरती रवि का बड़ा खुलासा, शादी टूटने के पीछे कोई तीसरा व्यक्ति
आरती रवि ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक नोट साझा करते हुए कहा कि उनकी और रवि मोहन की शादी टूटने की असली वजह किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप था। उन्होंने स्पष्ट रूप से किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन 'आपके जीवन की रोशनी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो रवि द्वारा पूर्व में गायिका केनिशा फ्रांसिस के लिए कहे गए थे। आरती ने दावा किया कि तलाक की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही यह तीसरा व्यक्ति उनके वैवाहिक जीवन में प्रवेश कर चुका था।
आरोपों का सिलसिला
आरती ने कहा कि उन्हें एक 'नियंत्रण करने वाली पत्नी' के रूप में चित्रित किया जा रहा है, लेकिन वास्तव में उन्होंने अपने पति को गलत आदतों से बचाने की कोशिश की थी। उन्होंने लिखा कि एक सच्ची पत्नी वही करती है जो अपने साथी के हित में हो। उन्होंने दावा किया कि उनके प्रयास पति की भलाई के लिए थे, न कि किसी नियंत्रण के लिए।
उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की गई पारिवारिक तस्वीरों और पलों का हवाला देते हुए बताया कि आखिरी समय तक उन्हें यकीन था कि वे एक सामान्य शादीशुदा जोड़े की तरह जी रहे हैं। रवि के “नंगे पैर घर छोड़ने” के दावों पर पलटवार करते हुए आरती ने कहा कि वे ब्रांडेड स्नीकर्स और पूरे कपड़ों में, अपने सारे सामान और योजना के साथ घर से निकले थे।
रवि की “भागने” की कहानी पर सवाल
आरती ने रवि की उस बात पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह शादी से "भागे" हैं। उन्होंने पूछा कि अगर वह वास्तव में कैद महसूस कर रहे थे, तो अपने माता-पिता के पास क्यों नहीं गए? इसके बजाय उन्होंने कहीं और शरण ली, जिससे स्थिति और ख़राब हो गई। आरती ने यह भी सवाल किया कि यदि रवि शादी से संतुष्ट नहीं थे, तो वे अब तक सालगिरह, पारिवारिक छुट्टियों और बच्चों के साथ समय बिताने का दिखावा क्यों करते रहे।
बच्चों और संपत्ति से जुड़ी बातें
आरती ने आरोप लगाया कि पिछले साल रवि ने अपने बच्चों से केवल चार बार मुलाकात की और कभी भी कानूनी रूप से मुलाकात या हिरासत की मांग नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बच्चे अब केवल उन्हीं स्थानों पर सुरक्षित महसूस करते हैं जहां वे परिचित हैं और रवि की वर्तमान स्थिति ने उन्हें और दूर कर दिया है।
इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि एक साझा स्वामित्व वाले कार्यालय में प्रवेश के दौरान उन्हें एक मामूली कार दुर्घटना के बाद बाउंसर ने रोक दिया गया, जो उनके लिए अपमानजनक अनुभव था।
भावनात्मक और वित्तीय शोषण पर आरती का जवाब
रवि के भावनात्मक और वित्तीय शोषण के आरोपों का जवाब देते हुए आरती ने लिखा कि यह हास्यास्पद है कि एक छह फुट का आदमी एक 5'2" महिला द्वारा "बंधक" बनाया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने करियर और सपनों को छोड़ दिया ताकि अपने पति के करियर को समर्थन दे सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें आर्थिक सुरक्षा का वादा किया गया था, जो अंततः टूट गया। आरती ने यह भी कहा कि जो भी वित्तीय निर्णय लिए गए, वे दोनों की सहमति से लिए गए थे और उनके पास इसके सारे रिकॉर्ड मौजूद हैं।
आरती ने अपनी पोस्ट के अंत में लिखा कि उन्होंने शादी को गरिमा के साथ समाप्त करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें धोखा मिला और अब वे सार्वजनिक रूप से अकेली खड़ी हैं। उन्होंने कहा, “मैं कमजोर नहीं हूं और न ही दलील देने आई हूं। मैं उन सभी आवाज़ों के साथ खड़ी हूं जिन्हें चुप कराया गया है।”
रवि का पक्ष
इससे पहले रवि मोहन ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर आरोप लगाया था कि उन्हें शादी में भावनात्मक और आर्थिक रूप से शोषित किया गया। उन्होंने केनिशा फ्रांसिस को अपनी "जीवन रेखा" बताया था और कहा था कि उन्होंने उन्हें टूटने से बचाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने बच्चों को नहीं छोड़ रहे हैं और उन्हें अपना "शाश्वत गौरव" मानते हैं। रवि ने खुद को 'सोने की मुर्गी' समझे जाने का भी आरोप लगाया और आरती के “विशेषाधिकार प्राप्त परिवार” की आलोचना की।
परिवारिक पृष्ठभूमि
आरती और रवि दो बेटों आरव और अयान के माता-पिता हैं। अब यह देखना बाकी है कि यह मामला अदालत में किस दिशा में आगे बढ़ता है।